Russia ने 23 और देशों के 59 राजनयिक निकाले
मॉस्को। पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूस ने शुक्रवार को 23 और देशों के 59 राजनयिकों को निकाल दिया। इसके साथ ही इसने कहा कि चार और देशों के राजनयिकों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है। रूस ने कहा है कि अमेरिका और ब्रिटेन के समर्थन में इन देशों से रूसी राजनयिक निकाले जाने के बदले में वह यह कार्रवाई कर रहा है।
गुरुवार को रूस ने अमेरिका से बदला लेते हुए अपने यहां से 60 अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने का एलान किया था। उसने सेंट पीटर्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को भी बंद करने का आदेश दिया है। इससे पहले अमेरिका ने 60 रूसी राजनयिकों को देश से निकलने का एलान किया था। साथ ही सिएटल स्थित रूसी कांसुलेट को बंद करने को कहा था। शीत युद्ध खत्म होने के बाद से दोनों देशों ने पहली बार इतनी बड़ी तादाद में राजनयिकों को निष्कासित किया है।
रूस की कार्रवाई पर व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि मॉस्को के फैसले से अमेरिका और रूस के संबंध और खराब होंगे। बयान में कहा गया है कि रूस की कार्रवाई अप्रत्याशित नहीं है और अमेरिका इससे निपट लेगा। इस बीच, रूस ने ब्रिटेन को मॉस्को में अपने राजनयिकों की तादाद घटाने के लिए एक माह का समय दिया है। ब्रिटेन में जितने रूसी राजनयिक हैं, वह भी उतने ही ब्रिटिश राजनयिकों को अपने यहां रहने देगा।
इन देशों के राजनयिक निकाले
रूसी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया, अलबानिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली, पोलैंड, हॉलैंड, क्रोएशिया, यूक्रेन, डेनमार्क, आयरलैंड, स्पेन, एस्टोनिया, लात्विया, लिथुआनिया, मेसेडोनिया, मॉल्दोवा, रोमानिया, फिनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, कनाडा और चेक गणराज्य के वरिष्ठ राजनयिकों को तलब किया। उनसे कहा गया कि जितने रूसी राजनयिकों को उनके देश से निकाला गया है, रूस भी उनके उतने ही राजदूत निकाल रहा है। इस बीच, बेल्जियम, हंगरी, जॉर्जिया और मांटेनीग्रो ने रूसी राजनयिकों को निकालने का एलान किया है।
क्या है पूरा मामला
रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल पर चार मार्च को ब्रिटेन में रासायनिक हमला हुआ। 66 साल के स्क्रिपल कभी रूसी सेना के खुफिया विभाग में कर्नल थे। उन पर अपने ही देश के खिलाफ जासूसी और गद्दारी का आरोप लगा। इसके बाद उन्हें 13 साल की सजा हुई। लेकिन, 2010 में ब्रिटेन और रूस के बीच “जासूसों की अदला-बदली” का समझौता हुआ। समझौते के बाद स्क्रिपल अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए थे। ब्रिटेन ने स्क्रिपल पर हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके राजनयिकों को निकाल दिया। इसके बाद से मॉस्को और यूरोप-अमेरिका में तनाव चल रहा है।