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कौन होगा हिजबुल्लाह का अगला चीफ:बचपन से नसरल्लाह के साथ रहे सैफिद्दीन का नाम सबसे आगे; इस्लाम पढ़ाने वाला कासिम भी रेस में

हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह की शुक्रवार, 27 सितंबर को इजराइली हमले में मौत हो गई। इजराइल ने लेबनान के बेरूत शहर में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम का इस्तेमाल किया था। इस हमले में नसरल्लाह के अलावा हिजबुल्लाह के कई सीनियर अधिकारी भी मारे गए हैं। इनमें हिजबुल्लाह के दक्षिणी फ्रंट का कमांडर अली काराकी भी शामिल था।

नसरल्लाह के मारे जाने के बाद हिजबुल्लाह के सेक्रटरी जनरल (संगठन प्रमुख) का पद खाली है। नसरल्लाह 1992 में संगठन का प्रमुख बना था। वो लेबनान में शिया आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक था। तीन दशक तक हिजबुल्लाह का सबसे अहम चेहरा रहे नसरल्लाह की मौत से संगठन को बड़ा झटका लगा है।

नसरल्लाह और काराकी के अलावा हिजबुल्लाह का टॉप मिलिट्री कमांडर फुआद शुकर (30 जुलाई को) और एलीट कमांडो यूनिट का फाउंडर इब्राहिम अकील (20 सितंबर को) भी मारे जा चुके हैं।

ऐसे में बड़ा सवाल है कि हिजबुल्लाह का अगला चीफ कौन होगा…हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप के ज्यादातर लोगों के मारे जाने के बाद इस रेस में सबसे आगे 2 नाम चल रहे हैं। इनमें से पहला है हाशेम सैफिद्दीन और दूसरा है नईम कासिम।

हाशेम सैफिद्दीन: हिजबुल्लाह चीफ का प्रमुख दावेदार

हाशेम सैफिद्दीन का नाम हिजबुल्लाह चीफ के अगले सेक्रेटरी जनरल की रेस में सबसे आगे है। सैफिद्दीन हिजबुल्लाह की ऐग्जीक्यूटिव काउंसिल का सदस्य और हसन नसरल्लाह का चचेरा भाई है।

उसका जन्म 1964 में लेबनान के डेर कानून अल-नहर शहर में हुआ था। सैफिद्दीन और नसरल्लाह दोनों ने एक साथ धार्मिक शिक्षा ली है। ये दोनों ईरान के कौम और इराक के नजफ जैसे प्रमुख शिया शिक्षा केंद्रों में एक साथ पढ़े हैं।

नसरल्लाह और सैफिद्दीन दोनों ने ही हिजबुल्लाह के शुरुआती दिनों में संगठन से जुड़े। 1990 के दशक में दोनों को इस्लामी शिक्षा के दौरान ईरान से वापस बुला लिया गया था। 1992 में नसरल्लाह, हिजबुल्लाह का सेक्रेटरी जनरल बन गया था।

नसरल्लाह के हिजबुल्लाह चीफ बनने के 2 साल बाद ही सैफिद्दीन को भी संगठन की ऐग्जीक्यूटिव काउंसिल का प्रमुुख बना दिया गया। नसरल्लाह के हिजबुल्लाह चीफ बनने के 2 साल बाद ही सैफिद्दीन को भी संगठन की ऐग्जीक्यूटिव काउंसिल का प्रमुुख बना दिया गया।

 

पिछले 3 दशकों से सैफीद्दीन हिजबुल्लाह की फंडिंग और संगठन की शिक्षा जैसे मामलों को देखता आ रहा है। वहीं नसरल्लाह संगठन के रणनीतिक मामलों को देखता था। इस वजह से अगला प्रमुख बनने के रेस में वह आगे नजर आता है।

इसके अलावा सैफीद्दीन एक प्रमुख शिया परिवार से आता है। उसके परिवार के कई लोग शिया धार्मिक विद्वान और लेबनान की संसद में सदस्य रह चुके हैं। सैफिद्दीन का भाई अब्दुल्ला, ईरान में हिजबुल्लाह के प्रतिनिधि को तौर पर काम करता है। सैफिद्दीन के ईरान से भी करीबी संबंध हैं।

सैफिद्दीन के बेटे रेधा की शादी ईरान के पूर्व मिलिट्री जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी से हुई है। कासिम सुलेमानी को 2020 में अमेरिकी ने एक हमले में मार दिया था।

हिजबुल्लाह का नंबर 2 कासिम भी रेस में हिजबुल्लाह का डिप्टी सेक्रेटरी जनरल नईम कासिम (71) भी संगठन के प्रमुख बनने की रेस में है। कासिम को लेबनान में शिया आंदोलन और हिजबुल्लाह का नंबर 2 भी कहा जाता है। कासिम का जन्म 1953 में दक्षिणी लेबनान में नबातियेह के कफार किला गांव में हुआ था।

1970 के दशक में कासिम, इमाम मूसा अल-सदर के साथ लेबनान में शिया अमल आंदोलन का हिस्सा बना था। बाद में 1980 के दशक की शुरुआत में वह हिजबुल्लाह के आंदोलन के साथ जुड़ा और संगठन की स्थापना करने वाले संस्थापक सदस्यों में शामिल रहा।

कासिम दशकों से बेरूत में धार्मिक शिक्षा देता आ रहा है। कासिम 1991 में हिजबुल्लाह का डिप्टी सेक्रटरी जनरल बना था। वो हिजबुल्ला की सूरा काउंसिल का सदस्य भी है।

इजराइली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की डेडबॉडी मिल गई है। मेडिकल और सुरक्षा टीमों ने नसरल्लाह के शव को हमले वाली जगह से बरामद किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक नसरल्लाह के शरीर पर हमले के सीधे निशान नहीं हैं। उसकी मौत के पीछे तेज धमाके से हुए ट्रॉमा को वजह माना जा रहा है।

इजराइल जिसे अपना दुश्मन नंबर-1 कहा करता था, वो हसन नसरल्लाह मारा जा चुका है। उसने 19 सितंबर को दिए भाषण में इजराइल से बदला लेने की धमकी दी थी। नसरल्लाह ने कहा था-

इजराइल ने पेजर ब्लास्ट के जरिए लेबनान में जनसंहार की कोशिश की। उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी, सही जगह, सही समय और सही तरीके से हमला किया जाएगा।

इस भाषण के 8वें दिन 27 सितंबर को उसे मार दिया गया। नसरल्लाह ने पहली बार जब इजराइल के खिलाफ हथियार उठाए थे तब वो सिर्फ 15 साल का था।

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