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जॉर्डन में प्रिंस हमजा ने की किंग अब्दुल्ला को समर्थन की घोषणा

काइरो। जॉर्डन के शाही परिवार में विवाद सुलझता दिखा रहा है। सोमवार को पूर्व क्राउन प्रिंस हमजा ने एक पत्र पर हस्ताक्षर कर कहा, ‘मैं जॉर्डन के संविधान के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा और मैं हमेशा किंग और उनके क्राउन प्रिंस की मदद और समर्थन करूंगा।’ किंग अब्दुल्ला के चाचा प्रिंस हसन से मुलाकात के बाद हमजा ने उक्त पत्र पर हस्ताक्षर किए।

मातृभूमि के हित सर्वोपरि रहने चाहिए

पत्र के मुताबिक, मातृभूमि के हित सर्वोपरि रहने चाहिए। हम सभी को जार्डन और उसके राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के प्रयासों में किंग के पीछे खड़े रहना चाहिए।हालांकि इससे पहले प्रिंस हमजा ने एक आडियो टेप जारी कर कहा था कि सुरक्षा एजेंसियां उन्हें धमका रही हैं। लेकिन वह उनके अस्वीकार्य आदेश नहीं मानेंगे। हमजा अपने आवास में नजरबंद थे और उन्होंने अपना आडियो टेप वहीं से भेजा था। किंग अब्दुल्ला की सत्ता को चुनौती देने के मामले में शनिवार को हमजा को सेना ने नजरबंद कर दिया था।

प्रिंस हमजा ने जार्डन में भ्रष्टाचार बढ़ने के आरोप लगाए थे

प्रिंस हमजा ने जार्डन में भ्रष्टाचार बढ़ने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित किए जाने के आरोप लगाए थे। किंग अब्दुल्ला और उनके प्रति वफादार वर्ग ने इसे सत्ता पर कब्जे की साजिश कहा और इसमें शामिल करीब डेढ़ दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।सोमवार को प्रिंस हमजा का आडियो आनलाइन मीडिया पर चलता रहा।

प्रिंस हमजा ने कहा- मैं तनाव नहीं चाहता

इस आडियो में प्रिंस हमजा ने कहा – मैं तनाव नहीं चाहता। लेकिन मैं खुद को दिए जा रहे अस्वीकार्य और अव्यवहारिक आदेशों को नहीं मानूंगा। कहा जा रहा है कि ट्वीट मत करो, लोगों से बातचीत मत करो। केवल परिवार के लोगों से मिलो और किसी से नहीं। मैं ये बातें नहीं मानूंगा। जार्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने हमजा को कुछ विदेशी तत्वों का सहयोग मिलने का आरोप लगाया था, लेकिन अमेरिका, पश्चिमी देश और सऊदी अरब किंग अब्दुल्ला के साथ बने हुए हैं।

जॉर्डन के राज परिवार को अस्थिर करने की साजिश

जॉर्डन में तख्तापलट की खबरों के सामने आने के बाद से ही इस देश की चर्चा दुनियाभर में होने लगी है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि एक पूर्व क्राउन प्रिंस विदेशी मदद के जरिए राज परिवार को अस्थिर करना चाहते थे। इसे नाकाम कर दिया गया है। दूसरी ओर, ये पूर्व क्राउन प्रिंस उस दावे के उलट है, जिसमें उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अयोग्यता के आरोप लगाये जाने के कारण उन्हें दंडित किया जा रहा है। वहीं, अमेरिका और अरब की सरकारों ने जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय का समर्थन किया है।

मानवाधिकारों के हनन को लेकर मामला और तूल पकड़ सकता था

प्रिंस हमजा के शाह अब्दुल्ला का नाम लिए बगैर सत्तारूढ़ वर्ग की आलोचना करने से जॉर्डन में कुशासन और मानवाधिकारों के हनन को लेकर बढ़ती शिकायतों का मामला और तूल पकड़ सकता था, लेकिन शाह के कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपने सौतेले भाई को नजरबंद करने और उस पर गंभीर आरोप लगाने से यह स्पष्ट है कि वह किस हद तक जनता का असंतोष बर्दाशत करने को तैयार हैं।

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