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नेपाल के प्रधानमंत्री ओली चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में फंसे, विपक्षी दलों के हमले तेज

काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली नेशनल असेंबली की एक सीट पर हुए उप-चुनाव में आचार संहिता के उल्लंघन में फंस गए हैं। ओली ने उप-चुनाव में अपने प्रत्याशी वर्तमान गृह मंत्री राम बहादुर थापा के लिए मौन अवधि (मतदान पूर्व के तीन दिन) में वोट देने की अपील की थी।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, चुनाव आयोग ने प्रेस को जारी एक बयान में परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री ओली पर इसके लिए निशाना भी साधा। चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह से आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति या संस्थाओं पर कार्रवाई भी की जा सकती है। सीपीएल-यूएमएन के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली ने थापा को वोट देने की अपील करते हुए कहा था कि इससे कम्युनिस्ट आंदोलन को मजबूती मिलेगी।

इस मामले में नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने ओली की आलोचना की है। इन विपक्षी दलों ने ओली के खिलाफ कार्रवाई की भी चुनाव आयोग से मांग की। नेपाल में मतदान के तीन दिन पहले से मौन अवधि शुरू हो जाती है। उस दौरान वोट मांगने का न तो कोई अभियान चल सकता है और न ही वोट की अपील की जा सकती है।

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