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मलेशिया में गिरी सरकार, प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने दिया इस्तीफा

कुआलालंपुर। मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन (Muhyiddin Yassin) ने सत्ता संभालने के 18 महीने से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। उन्‍होंने सोमवार को मलेशिया के नरेश को अपना इस्‍तीफा सौंपा। वह देश की सत्ता में सबसे कम समय तक रहने वाले पीएम बन गए हैं। मुहिउद्दीन यासीन (Muhyiddin Yassin) मार्च 2020 में प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने कहा कि उनके पास जरूरी बहुमत हासिल नहीं है। विज्ञान मंत्री खैरी जमालुद्दीन ने इंस्टाग्राम पर जानकारी दी कि मंत्रिमंडल ने नरेश को इस्तीफा सौंप दिया है।

इससे पहले मुहिउद्दीन यासीन (Muhyiddin Yassin) ने मलेशिया नरेश (Sultan Abdullah Sultan Ahmad Shah) से राजमहल में मुलाकात की थी। सोमवार को हुई इस बैठक के तुरंत बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस घटनाक्रम से कोरोना से जूझ रहे देश में एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। शीर्ष पद के लिए नेताओं के बीच होड़ शुरू हो गई है। उप प्रधानमंत्री इस्माईल साबरी भी समर्थन जुटाने में जुट गए हैं।

मुहिउद्दीन यासीन (Muhyiddin Yassin) ने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जब महामारी से ठीक से नहीं निबट पाने को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ी है। मौजूदा वक्‍त में मलेशिया दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण दर वाले देशों में से एक है। संक्रमण के दैनिक मामले 20 हजार के पार चले गए हैं। संक्रमण से निबटने के लिए जून से लॉकडाउन लगा हुआ है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक मुहिउद्दीन की सरकार निम्नतम स्तर के बहुमत पर चल रही थी। गठबंधन के सबसे बड़े दल के 12 से अधिक सांसदों के समर्थन वापस लेने के बाद यह सरकार गिर गई।

यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गेनाइजेशन के दो मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया। मलेशिया के संविधान के मुताबिक बहुमत समर्थन खोने वाले प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना होता है। रिपोर्टों में कहा गया है कि जल्‍द ही मलेशिया नरेश नए नेता को नियुक्त कर सकते हैं। सबसे बड़े विपक्षी गठबंधन ने अपने नेता अनवर इब्राहिम को पीएम के रूप में नामित किया है। हालांकि तीन दलों के इस गठबंधन के पास महज 90 सांसद है। वहीं देश में सरकार बनाने के लिए 111 सांसदों की जरूरत है। वहीं मुहिउद्दीन यासीन (Muhyiddin Yassin) को 100 सांसदों का समर्थन हासिल है।

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