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जयशंकर ने की जर्मन समकक्ष बेयरबाक से मुलाकात, रूस-यूक्रेन युद्ध और हिंद प्रशांत क्षेत्र से जु़ड़े मुद्दों पर की चर्चा

बर्लिन। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को जर्मनी की अपनी समकक्ष एनालीना बेयरबाक से मुलाकात की। इसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष व हिंद प्रशांत क्षेत्र से जु़ड़े विषयों पर चर्चा की। बता दें कि जयशंकर यहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आए शिष्टमंडल का हिस्सा हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘विदेश मंत्री बेयरबाक के साथ अच्छी बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। यूक्रेन संघषर्ष और हिंद प्रशांत क्षेत्र के विषषय पर चर्चा की। दोनों विदेश कार्यालयों के बीच सीधे विशिष्ट रूप में संपर्क को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए।’ इसके साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मनी की आर्थिक सहयोग एवं विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज से भी मुलाकात की और उनके साथ उन्होंने, जलवायु परिवर्तन, टिकाऊ एवं विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला, तीसरे देश के साथ गठजोड़ व रूस-यूक्रेन संघषर्ष के आर्थिक प्रभावों के बारे में चर्चा की।

सुनामी चेतावनी पर बातचीत

जर्मनी से सुनामी चेतावनी में भारत की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करने को कहा भारत ने जर्मनी के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग में विस्तार का प्रस्ताव रखा, जिसमें समुद्र के अंदर होने वाले भूस्खलन से आने वाली ‘असामान्य सुनामी’ पर अनुसंधान ब़़ढाने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने जर्मनी की अपनी समकक्ष स्टेफी लेमके के साथ बातचीत में जर्मनी को सुनामी तथा संबंधित आपदाओं की जल्द चेतावनी की प्रणालियों के क्षेत्र में भारत की विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया। साथ ही सिंह ने लेमके से कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन अंतर सरकारी समुद्र विज्ञान आयोग (यूनेस्को-आइओसी) के तहत एक सुनामी सेवा प्रदाता के तौर पर पहचान मिली है। यही नहीं राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने 2070 तक शून्य कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के काप-26 सम्मेलन में दिए गए आश्वासन को पूरा करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।

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