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Pak अधिकारियों को सिंधु जल संधि मुद्दा पूरी ताकत से उठाने की ताकीद

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भारत द्वारा सिंधु जल संधि के कथित उल्लंघन का मुद्दा विश्व बैंक में पूरी ताकत से उठाएं। विश्व बैंक इस संधि का गारंटर है। इस मुद्दे पर भारत-पाक के बीच पिछली बातचीत विश्व बैंक ने पिछले साल सितंबर में वाशिंगटन में कराई थी।

सिंधु जल संधि के प्रावधानों के अनुसार पूर्वी नदियों सतलुज, रावी और ब्यास का पानी भारत को आवंटित है और पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम, चिनाब का पानी कुछ गैर उपयोगी कार्यों को छोड़कर पाकिस्तान को।

जम्मू-कश्मीर में निर्माणाधीन भारत की दो जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर पाकिस्तान 2016 में विश्व बैंक गया था। पकिस्तान ने विश्व बैंक से मांग की थी कि वह उसकी इस चिंता पर विचार करने के लिए मध्यस्थता अदालत गठित करे।

प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने बुधवार को इस मसले पर प्रधानमंत्री आवास में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की 21वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कई शीर्ष सैन्य जनरल भी शामिल थे।

आधिकारिक बयान के अनुसार योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने बैठक में 24 अप्रैल, 2018 को स्वीकृत जल नीति की जानकारी दी। साथ ही इसमें जल चार्टर की भी जानकारी दी गई जिस पर प्रधानमंत्री और चारों प्रांतों के मुख्यमंत्रियों के दस्तखत हैं।

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