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इजरायल में नेतन्याहू का ‘किला धवस्त’, नफ्ताली बेनेट ने नए प्रधानमंत्री के रूप में ली शपथ, कैबिनेट का गठन

यरुशलम। इजरायल की सत्ता में 12 सालों तक काबिज रहे बेंजामिन नेतन्याहू के राजनीतिक शासन का अंत हो गया। विपक्ष के नेता और गठबंधन के उम्मीदवार नफ्ताली बेनेट ने इजरायल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है। नई सरकार के शपथ लेने के साथ ही पिछले 2 सालों से इजरायल में जारी राजनीतिक गतिरोध भी समाप्त हो गया।

सरकार पर नेतन्याहू की नजर

दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेता बेनेट ने संसद में बहुमत हासिल कर, रविवार को शपथ ली। देश की नई सरकार में 27 मंत्री हैं इनमें से 9 महिलाएं हैं। बेनेट 120 सदस्यीय सदन में 61 सांसदों की कमजोर सरकार का नेतृत्व करेंगे। ऐसे में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल अगर एक भी दल अगर पीछे हटता है तो नई सरकार अपना बहुमत गंवा देगी और सरकार गिरने का जोखिम पैदा हो जाएगा। सत्तारूढ़ गठबंधन में 8 छोटे-छोटे दल शामिल हैं। वहीं, नेतन्याहू संसद में अभी भी सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष बने हुए हैं। उन्होंने कहा है कि, वो नई सरकार का भरपूर विरोध करेंगे। ऐसे में अगर सत्तारूढ़ पार्टी का एक भी दल पीछे हुआ तो नेतन्याहू को सत्ता में लौटने का मौका मिल सकता है। इजरायल की संसद ‘नेसेट’ में 120 सदस्य हैं।

हंगामें के बीच शुरू हुआ सत्र

इजरायली संसद ‘नेसेट’ में बेनेट के संबोधन के दौरान भारी हंगामा हुआ। नेतन्याहू के समर्थकों ने संबोधन के दौरान काफी हंगामा किया। उन्होंने बेनेट से धक्का-मुक्की भी की। भाषण के दौरान विपक्ष ने बेनेट पर चिल्लाना जारी रखा और उन्हें अपराधी व झूठा तक कह डाला। विपक्ष के हंगामें के बीच बेनेट ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह अलग-अलग विचार के लोगों के साथ काम करेंगे। वहीं सहयोगी पार्टी के नेता लैपिड ने तो भोरी शोर-शराबे के चलते भाषण ही छोड़ दिया। उन्होंने धक्का-मुक्की की घटना को लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला बताया।

विपक्ष से जारी रहेगा विरोध

हालांकि, संसद में बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के दौरान शांती का माहौल रहा। उन्होंने कहा कि, मैं यहां लाखों देशवासियों की तरफ से खड़ा हूं, जिन्होंने मेरी पार्टी को वोट दिया, मेरे लिए अपने प्यारे देश के लिए रात-दिन काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी। नेतन्याहू ने कहा हम विपक्ष में जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन वहां भी हमारे हौसले कमजोर नहीं पड़ेंगे। रविवार की देर रात अपनी पहली बैठक आयोजित करने के बाद, बेनेट के नए मंत्रिमंडल के साथ राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन के आधिकारिक निवास पर पहुंचे। जहां उन्हें पारंपरिक तौर पर नई मंत्रिमंडल के साथ ग्रुप फोटों के लिए आमंत्रित किया गया था।

अमेरिकी को बेनेट का साफ संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बेनेट और लैपिड को बधाई देते हुए कहा कि वह दोनों देशों के बीच “करीबी और स्थायी” संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। लेकिन रविवार को संसद में सत्र के दौरान बेनेट ने साफ कर दिया की, वो 2015 में अमेरिका और ईरान के बीच हुए परमाणु समझौते को लेकर नेतन्याहू के नक्शेकदम पर चलेंगे।

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