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योगी सरकार 2.0 में मंत्रियों की घटी औसत आयु, संदीप सिंह सबसे कम और डा. अरुण कुमार सक्सेना सबसे उम्रदराज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आने के ठीक 15वें दिन शुक्रवार को योगी सरकार 2.0 की टीम सामने आ गई। यह भी संयोग है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 53 सदस्यों वाली मंत्रिपरिषद की औसत आयु भी 53.74 वर्ष ही है। 2017 में बने मंत्रिपरिषद की औसत आयु 55 वर्ष रही है। नई टीम में अनुभवी नेताओं का सम्मान रखा गया है, साथ ही ऊर्जावान युवाओं को बड़ी संख्या में अवसर दिया गया है। तीन मंत्री ऐसे हैं जिनकी आयु 40 वर्ष से भी कम है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 49 बरस के हैं। उनकी बनाई टीम में उम्र और ऊर्जा का अद्भुत समन्वय है। 40 से 60 वर्ष की आयु वाले 36 सदस्य मंत्री बने हैं। टीम में सबसे कम उम्र वाले 31 वर्ष के मंत्री हैं संदीप सिंह। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पोते 2017 में भी राज्यमंत्री बने थे, उनकी कार्यशैली व जनता की नब्ज समझने की वजह से उन्हें इस बार पदोन्नत करके राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है।

इसी तरह इकलौते मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद अंसारी को 32 वर्ष की उम्र में ही राज्यमंत्री बनने का मौका मिला है, हालांकि वे अभी किसी सदन के सदस्य नहीं है। संगठन में उनके योगदान को देखते हुए विश्वास जताया गया। बाराबंकी जिले की दरियाबाद सीट से विधायक सतीश शर्मा 39 वर्ष के हैं, उन्हें भी पहली बार मंत्री बनाया गया है।

इसी तरह से मेरठ के सोमेंद्र तोमर, अलीगढ़ की खैर सीट से विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि जैसे युवाओं को राज्यमंत्री बनाकर पुरस्कृत किया गया है। बरेली शहर सीट पर लगातार तीसरी बार कमल खिलाने वाले डा. अरुण कुमार सक्सेना एमबीबीएस करने के बाद क्लीनिक चलाते रहे हैं। करीब 20 वर्ष से राजनीति में सक्रिय हैं, उन्हें 74 वर्ष की आयु में पहली बार मंत्री बनाया गया है, ताकि उनके अनुभव का लाभ मिल सके।

इसी तरह से मथुरा जिले की छाता सीट से जीतने वाले प्रमुख जाट नेता लक्ष्मी नारायण चौधरी और पूरब में देवरिया की पथरदेवा सीट से विधायक सूर्य प्रताप शाही लगभग 70 वर्ष के हैं। दोनों को लंबा राजनीतिक अनुभव रखने, जनता पर पकड़ की वजह से फिर मंत्री बनाया गया है।

इसी तरह सुरेश कुमार खन्ना (68), बेबीरानी मौर्य (65), जयवीर सह (61), धर्मपाल सिंह (69), राकेश सचान (66) व योगेश उपाध्याय (66), गुलाब देवी (66), धर्मवीर प्रजापति (65) व बलदेव सिंह ओलख (62) जैसे नेताओं को मौका दिया गया है। मंत्रिपरिषद के अधिकांश मंत्री राजनीतिक रूप से युवा हैं, इनमें आशीष पटेल, जितिन प्रसाद, अनिल राजभर, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, नितिन अग्रवाल, गिरीश चंद्र यादव, असीम अरुण, संजय गंगवार, रामकेश निषाद, संजीव गोंड, दिनेश खटीक, अजीत पाल व रजनी तिवारी आदि शामिल हैं।

महिलाओं की बढ़ी भागीदारी : योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है। इस बार कुल 47 महिलाएं चुनाव जीतीं, जिसमें 29 भाजपा की और तीन उनके सहयोगी अपना दल एस की रहीं। उनमें से पांच बेबीरानी मौर्य, गुलाब देवी, प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी व विजय लक्ष्मी गौतम को मंत्री बनाया गया है। वहीं, 2017 में महिला मंत्रियों की संख्या चार रही है।

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