वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप: मेरीकॉम को पहले राउंड में बाई
पांच बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरीकॉम को गुरुवार से शुरू हो रही 10वीं आईबा महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के लिए पहले राउंड में बाई मिली है. इस चैंपियनशिप में टॉप सीडिंग हासिल करने वाली मेरीकॉम एकमात्र भारतीय हैं. 48 किग्रा कैटेगरी में नंबर-2 भारतीय मेरीकॉम को रविवार तक रिंग में उतरने की जरूरत नहीं होगी. उनका सामना कजाकिस्तान की अल्ग्रीम कासेनायेवा और अमेरिका की जाजेल बोबाडिला के बीच होने वाले शुरुआती राउंड के मुकाबले के विजेता से होगा. मंगोलिया की मुक्केबाज जागार्लान ओचिराबात को 48 किग्रा वर्ग में टॉप सीडिंग मिली है.
मेरीकॉम छठे विश्व खिताब के लिए प्रयासरत हैं और भारत की ओर से उन्हें स्वर्ण पदक का पक्का दावेदार माना जा रहा है. मेरीकॉम को ड्रॉ के सेकेंड हाफ में रखा गया है. अपने स्वर्ण तक के सफर में मेरीकॉम को दो मुश्किल खिलाड़ियों-उजबेकिस्तान की जुलासाल सुल्तोनालेविया और उत्तर कोरिया की किम ह्यांग ह्यांग मी से सामना करना होगा. मी को भी पहले राउंड में बाई मिली है. ऐसे में सेमीफाइनल में मेरीकॉम का सामना मी से ही हो सकता है. मी ने एबीसी कन्फेडरेशन में रजत पदक जीता है.
भारत की ओर से मेरीकॉम के अलावा रानी पिंकी (51), सोनिया (57), सरिता देवी (60), लवलीना बोरगोहेन (69), स्वीटी (75) और सीमा पूनिया (81 प्लस) को पहले राउंड में बाई मिली है. लेकिन मनीषा (54), सिमरनजीत कौर (64) और भाग्यवती काचरी (81) को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए दो राउंड तक मुकबला करना होगा. इनके बाउट मंगलवार से होंगी.
भारत को पूर्व विश्व चैंपियन और पांच बार की एशियाई चैंपियन सरिता देवी से भी पदक की उम्मीद है. लाइटवेट कटेगरी में लड़ने वाली सरिता देश की दूसरी सबसे अच्छी मुक्केबाज हैं. हालांकि चौथी सीड सरिता को पदक तक के अपने सफर में मौजूदा विश्व चैंपियन चीन की यांग वेनलू और रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली रूस की अनास्तासिया बेलियाकोवा के साथ दो-दो हाथ करना होगा.
हालांकि, हैवीवेट क्लास (81 प्लस) में उतर रहीं सीमा पूनिया इस टूर्नामेंट में भारत की इकलौती ऐसी खिलाड़ी हैं, जो बिना किसी परिश्रम के मेडल राउंड में उतरेंगी. पहले राउंड में बाई मिलने के कारण सीमा सीधे क्वार्टर फाइनल में कदम रखेंगी. क्वार्टर फाइनल में वह चीन की शिओल यांग के खिलाफ रिंग में होंगी. यह एकमात्र ऐसी कैटेगरी है, जिसमें 10 मुक्केबाज हैं, जिनमें से छह को बाई मिली है