आस्था और उत्साह के साथ महिलाओं ने रखा करवा चौथ व्रत
मध्यप्रदेश। पति की लंबी उम्र के लिए विवाहित महिलाओं ने आज करवा चौथ का व्रत रखा है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाएं निर्जला यह व्रत रखती हैं. सूर्योदय के साथ ही व्रत का संकल्प लिया जाता है और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है. इसके बाद ही महिलाएं कुछ ग्रहण करती हैं. करवा चौथ व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 33 मिनट से 06 बजकर 39 मिनट तक रहेगा.
उल्लेखनीय है कि करवा चौथ भगवान गणेश से संबंध रखता है. वैवाहिक जीवन के विघ्ननाश के लिए इस व्रत को रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश, गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है. चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है. इसलिए चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं वैवाहिक जीवन मैं सुख शांति और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं.
क्यों रखा जाता है व्रत
एकादशी से लेकर चतुर्थी तिथि तक मन की चंचलता ज्यादा होती है. इस चंचलता के कारण काम भी बिगड़ते हैं और हर काम में बाधा भी आती है. इसलिए इन दिनों को मन और शरीर को शुद्ध रखने के लिए उपवास रखे जाते हैं. चन्द्रमा की किरणों के प्रभाव और उपवास से मन खूब एकाग्र हो जाता है और एकाग्र मन से की गई प्रार्थना तुरंत स्वीकार हो जाती है.
करवा चौथ की पूजन विधि
चंद्रमा के दर्शन के लिए थाली सजाएं. थाली मैं दीपक, सिन्दूर, अक्षत, कुकुम, रोली और चावल की बनी मिठाई या कोई भी सफेद मिठाई रखें. संपूर्ण श्रृंगार करें और करवे मैं जल भर कर मां गौरी और गणेश की पूजा करें. चंद्रमा के निकलने पर छलनी से या जल में चंद्रमा को देखें. अर्घ्य दें और करवा चौथ व्रत की कथा सुनें.