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कमलनाथ को क्यों याद आईं हरिवंश राय बच्चन की अग्निपथ

 

मध्यप्रदेश। प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ को शनिवार की दोपहर कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता अग्निपथ याद आ गई। कमलनाथ को यह कविता क्यों याद इसका अर्थ क्या समझा जाएग। इसी व्यख्या राजनीति के पंडित अपनी अपनी समझ से समझा रहे है।

दरअसल, प्रदेश में चार दिन से चल रहे सियासी ड्रामें में अब तक कमलनाथ ने बहुत कुछ नहीं बोला है। पहले दो दिन तो वो चुप्पी ही साधे फिर तीसरे दिन सरकार को बचाने में लगे रहे अब चौथे दिन शनिवार को दोपहर उन्होंने ट्विट कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता अग्निपथ पोस्ट की है। इस कविता का मूल अर्थ यही है कि कितनी भी परेशानी आए आप अपने रास्ते पर चलते रहे। अपका रास्ता अग्निपथ ही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ का यह ट्विट उन नेताओं के लिए है जो कमलनाथ सरकार को बार बार गिराने की कोशिश करते है लेकिन सफल नहीं हो रहे है। हर बार कमलनाथ अपनी सरकार को बचा ही लेते है,और इस बार तो सरकार गिराने वाले गिरोह में शामिल नेताओं पर गाज भी गिरा रहे है। उन्होंने बता दिया है कि इतना आसान नहीं कमलनाथ का तख्तापलट करना। हलांकि अभी बीजेपी ने मैदान नहीं छोडा है।

कविता जो कमलनाथ ने पोस्ट की….

वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

( कवि हरिवंश राय बच्चन )

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