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वेबिनार ने बचाये आयुर्वेद कॉलेजों के दस करोड़ : डेढ़ माह के भीतर बच सकते हैं 50 करोड़

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]डॉ. राकेश पाण्डेय[/mkd_highlight]

 

कोविड-19 कोरोना के चलते नियमित तौर पर सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर आयोजित होने वाले सेमिनार की जगह ले ली है इनर्नेट / एप के माध्यम से वेबिनार ने । इसके कारण प्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों के दस करोड़ से भी ज्यादा की बचत हो चुकी है । देशभर में राष्ट्रीय स्तर पर 100 वेबिनार हो चुके हैं जिनमें केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद यशो नाईक, केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के सीईडी गौरव तिवारी के जैसे अन्य विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स के साथ -साथ आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल्स भी सिरकत करते रहे हैं।

डेढ़ माह के भीतर लगभग पांच सौ वेबिनार देशभर के 715 आयुष मेडिकल कॉलेजों में संपन्न होंगे जिससे पचास करोड़ से ज्यादा की बचत संस्थानों व सरकार की हो जावेगी । ज्ञात रहे कि एक सेमीनार पर लगभग पाच से दस लाख का खर्च आता है। आयुर्वेद – आयुष से जुड़े डॉक्टर्स, वैज्ञानिक व प्रबुद्धजन मंच पर आकर अपने- अपने विचार – शोध रखते हैं। यहां भी वेबिनार में वही सब होता है परंतु मोबाइल एप पर…। राष्ट्रीय स्तर के वेबिनार में सिरकत करने वालों को प्रमाणपत्र दिया जावे और स्मारिका अथवा वैज्ञानिक रिसर्च संग्रह भी प्रकाशित कर राज्य , केंद्र सरकार एवं संबंधित विभागों तक भेजा जावे। चूंकि सेमीनॉर्स में राज्य व केंद्रीय आयुष मंत्रालय का भी आर्थिक सहयोग रहता है और अब वेबिनार्स ने सब कुछ बचा दिया। राज्य सरकारों, केंद्रीय आयुष मंत्रालय व आयुष संस्थानों से अनुरोध किया है कि बची हुई राशि से कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद करें तो बेहतर है।

 ( लेखक मानसरोवर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल के प्रोफेसर और आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता है )

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