volkswagen की कारें भारत के पर्यावरण में घोल रही जहर
— ‘चीत डिवाइस’ लगाती है अपनी कारों में वॉक्सवैगन कंपनी
क्या आपके पास वॉल्स वैगन कंपनी की किसी भी मॉडल की कार है…! यदि है तो फिर आप देश के पार्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहे है। जर्मन कार कंपनी वॉक्सवैगन द्वारा बनाई गई कारें भारत की पार्यावरण में जहर घोल रही है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की एक कमेटी ने अपने लिखित आदेश में कहा है।
जानकारी के अनुसार वॉक्सवैगन कंपनी अपनी कारों में ‘चीत डिवाइस’ का इस्तामाल करती है इस डिवाइस से पार्यवरण का नुकसान होता है। एक तरह से यह डिवाइस वतावरण में बहुत अधिक मात्रा में जहर घोल रही है। इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने संज्ञान लिया और सुनवाई के लिए एक कमेटी का गठन किया। कमेटी के अध्यक्ष ग्रीन ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल ने कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ सुनवाई की। सुनवाई के दौरान यह सही पाया गया कि वॉक्सवैगन कंपनी की कारों में लगी ‘चीत डिवाइस’ पार्यावरण के लिए बडा खतरा है और इससे बहुत नुकसान हुआ है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की कमेटी ने जर्मन कार कंपनी वॉक्सवैगन पर 500 करोड़ का जुर्माना किया और आदेश जारी करते हुआ लिखा कि कंपनी को जुर्माने की रकम दो माह के भीतर जमा करनी होगी।
-2016 में भी 100 करोड का जुर्माना
वॉक्सवैगन कंपनी की लपरवाही देखें कि साल 2016 में भी ग्रीन ट्रिब्यूनल की कमेटी ने पर्यावरण को प्रदुषित करने वाली ‘चीत डिवाइस’ के इस्तेमाल डीजल कारों में करने पर वॉक्सवैगन कंपनी पर 100 करोड का जुर्माना लगाया था,लेकिन कंपनी पर कोई असर नहीं हुआ और कंपनी अब अपनी कारों में ‘चीत डिवाइस’ के इस्तमाल कर रही हैं।
-भारतीयों को तय करना होगा कि वो क्या करें
जर्मन कार कंपनी वॉक्सवैगन द्वारा बनाई जा रही कारों में ‘चीत डिवाइस’ का इसमाल करना बंद नहीं कर रही है, उस पर 500 करोड तक का जुर्माना लगा दिया गया है, अब सरकार और भारतीयों को तय करना होगा कि वॉक्सवैगन कंपनी की कारें देश की सडकों पर दौडें या नहीं..!