वैक्सीन पर हायतौबा लेकिन उपलब्ध डोज भी नहीं दे रहे राज्य, स्वास्थ्य मंत्रालय ने खोली पोल
नई दिल्ली। कई राज्यों में वैक्सीन की कमी का रोना जारी है। वैक्सीनेशन सेंटर भी बंद किए जा रहे हैं। पर सच्चाई यह है कि कुछ राज्य सरकारें उपलब्ध वैक्सीन लगाने में भी तत्परता नहीं दिखा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रविवार की सुबह तक राज्यों को मुफ्त भेजी गई वैक्सीन में 1.84 करोड़ डोज बचे हुए थे। आइए जानें क्या कहते हैं केेंद्र सरकार के आंकड़े….
अगले तीन दिन में पहुंचेगी 51 लाख डोज
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अगले तीन दिन में 51 लाख डोज पहुंचने वाली हैं। वैक्सीन की इतनी उपलब्धता के बावजूद शनिवार को केवल 17 लाख 22 हजार डोज दिए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों की पूरी सूची जारी कर बताया है कि किन-किन के पास कितनी वैक्सीन बची हुई है और अगले तीन दिन में कितनी वैक्सीन पहुंचने वाली है।
सबसे अधिक वैक्सीन यूपी के पास
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में सबसे अधिक वैक्सीन उत्तर प्रदेश के पास 18 लाख 60 हजार, मध्य प्रदेश के पास नौ लाख 86 हजार, झारखंड के पास सात लाख 85 हजार, छत्तीसगढ़ में सात लाख 62 हजार, बिहार में सात लाख 48 हजार और दिल्ली में पांच लाख 33 हजार डोज उपलब्ध हैं।
इन्हें तीन दिनों में मिलेगी वैक्सीन
अगले तीन दिन में उत्तर प्रदेश को छह लाख, मध्य प्रदेश को पांच लाख 26 हजार, झारखंड को दो लाख 21 हजार, छत्तीसगढ़ को चार लाख 22 हजार और दिल्ली को एक लाख 74 हजार डोज मिलने वाली हैं। लेकिन इन राज्यों में उपलब्ध वैक्सीन के अनुसार टीकाकरण अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है।
इस महीने इतना होगा उत्पादन
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मई महीने में कुल आठ करोड़ डोज वैक्सीन का उत्पादन होना है। एक मई से इसकी सप्लाई भी लगातार जारी है। वैक्सीन के उत्पादन के हिसाब से पूरे देश में हर दिन औसतन 25 से 26 लाख डोज लगने चाहिए, लेकिन हालत यह है कि पिछले 15 दिन से औसतन 20 लाख डोज प्रतिदिन भी नहीं लग पा रहे हैं। शनिवार को 17 लाख से कुछ अधिक डोज ही दी जा सकी।
इस पर रहस्य कायम
वैक्सीन को लेकर सबसे ज्यादा रहस्य राज्यों और निजी क्षेत्र को मिलने वाली वैक्सीन को लेकर है। दो दिन पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मई महीने में राज्यों और निजी क्षेत्र को कुल 4.39 करोड़ वैक्सीन मिलेंगी। इस वैक्सीन का इस्तेमाल 18 से 44 साल के युवाओं के लिए किया जा रहा है। इतनी वैक्सीन में युवाओं को हर दिन औसतन लगभग 14 लाख डोज लगनी चाहिए थीं, यानी 15 दिन में डेढ़ करोड़ से कुछ ज्यादा।
सियासत का मुद्दा बनी वैक्सीन
हकीकत यह है कि पिछले 15 दिनों में महज 48 लाख युवाओं को ही पहला डोज दिया गया। वैक्सीन की उपलब्धता के दावे और असल में वैक्सीन लगाए जाने में भारी अंतर के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहते हुए कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया कि यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। वे राज्यों के साथ मिलकर टीकाकरण में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं।