तीन तलाक बिल राज्यसभा में भी हुआ पास,केंद्र सरकार की बडी जीत
दिल्ली। कई तरह के विरोध के बाद भी तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्यसभा में भी पास हो गया है। यह केंद्र सरकार की बडी जीत है। बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट डाले गए। बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदो ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की थी लेकिन मांग को समर्थन नहीं मिलने से खारिज हो गई। अब इस बिल को राष्ट्रपति को भेजा जाएगा,राष्ट्रपति की मुहर लगते ही कानून बन जाएगा।
यह होगा तीन तलाक कानून मे…
तीन साल तक की सजा का प्रावधान है
यह संज्ञेय तभी होगा जब या तो खुद महिला शिकायत करे या फिर उसका कोई सगा-संबंधी
मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है. जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा
तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर कानूनी बनाना।
तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ़्तार कर सकती है
पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है।
पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है, राशि कितनी होगी इसका फैसला मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाएगा।
पीड़ित महिला नाबालिग बच्चों को अपने पास रख सकती है। यह मजिस्ट्रेट निर्णय करेंगे।