ममता राज में ‘सिंडीकेट राज’ के खुलासे के बाद TMC ने दी सफाई
इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के ममता बनर्जी राज में पनप रहे सिंडीकेट राज के खुलासे के बाद उनकी पार्टी टीएमसी की तरफ से सफाई जारी की गई है. पार्टी के विधायक निर्मल घोष ने मामले पर जारी बयान में कहा है, ‘हमारी पार्टी प्रमुख ने ये ऐलान किया है कि सिंडीकेट से पार्टी से जुड़े किसी भी व्यक्ति का कोई संबंध नहीं है. चाहे वह स्थानीय या केंद्रीय सिंडिकेट हो, हम इसपर यकीन नहीं करते और मामले में कोई भी शिकायत मिलती है तो हम उसपर जरूरी कार्रवाई करेंगे.’
हाल ही में ममता बनर्जी राज के नीचे पनप रहे ‘सिंडीकेट राज’ के खुलासे में सामने आया कि इन सिंडीकेट्स ने तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों, सदस्यों, सरकारी अधिकारियों के संरक्षण में अपने तार रियल एस्टेट से लेकर दुर्गा पूजा आयोजनों तक फैला रखे हैं.
ये सिंडीकेट जमीन की खरीद-फरोख्त, निर्माण और बिल्डिंग सामग्री की सप्लाई, हर जगह अपना दखल रखते हैं. अगर कोई खरीदार वैध तरीकों से आगे बढ़ना चाहता है तो ये सिंडीकेट अपने हथकंडों से सुनिश्चित करते हैं कि वो उनकी मांगों के दबाव के आगे टूट जाए.
इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम की ओर से तृणमूल के गढ़ में जांच से सामने आया है कि किस तरह कुख्यात सिंडीकेट्स, पार्टी और सरकारी अधिकारियों के बीच हैरान कर देने वाली मिलीभगत है. एक पार्षद, टीएमसी का सदस्य, एक अधिकारी और एक सिंडीकेट कैमरे पर ये बताते हुए कैद हुए कि किस तरह ये पूरा सिस्टम काम करता है. प्रोटेक्शन मनी किस तरह जुटाई जाती है और किस तरह दबाव का इस्तेमाल किया जाता है.
बिधाननगर से टीएमसी पार्षद स्वाति बनर्जी के पति सोमेन बनर्जी ने कहा, ‘ज्यादा बोलेगा तो झमेला होगा, और तोड़फोड़ कर देगा. ये लोग बहुत डेंजर आदमी है. इसका जो लीडर है बहुत बड़ा लीडर है वेस्ट बंगाल का. नेक्स्ट एमएलए होगा. वो सब कुछ तोड़फोड़ कर सकता है. लॉकडाउन या पैसा दो 10 लाख.’
इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर ने खुद को काल्पनिक कारोबारी बताते हुए अपना परिचय सोमेन बनर्जी को दिया और रेस्टोरैंट खोलने की इच्छा जताई. साथ ही पूछा कि पुलिस क्यों दखल नहीं देती है. इस पर सोमेन बनर्जी ने सिंडीकेट्स के बाहुबल के बारे में बेखौफ़ बताया.
सोमेन बनर्जी के साथ ही इलाके में सक्रिय सिंडीकेट से जुड़ा राणा बासु भी कैमरे में कैद हुआ. दोनों ने अंडर कवर रिपोर्टर से चार लाख रुपए से ज्यादा की मांग की.
राणा बासु ने कहा, ‘बोला ना एक ही बार आपको देना है…बार-बार नहीं’.
सोमेन बनर्जी – ये (राणा बासु) एक दुर्गा पूजा करेगा, मेरा वार्ड में नहीं दूसरा वार्ड में. उसको देख दीजिए जरा और हमको जरा देख दीजिए बस… 25 हजार उसको दे देना. पर्ची काट कर इनको दे दो और क्लोज डिस्कशन’.
राणा बासु (सोमेन बनर्जी से)- ‘अब आप अपना बोल दो’…
सोमेन बनर्जी- ‘आप दे दीजिए 25 हजार उसको और हमको आप चार (लाख) दे दीजिए.’
जब अंडरकवर रिपोर्टर ने पार्षद स्वाति से सीधे बात कराने के लिए कहा तो बनर्जी ने कहा, ‘वो क्या करेंगी? आप मुझसे बात करो…एक ही बात है’. एक रेस्टोरेंट शुरू करने के लिए चार लाख से ज्यादा की वसूली! ये बताता है कि राज्य में किस तरह सिंडीकेट फलफूल रहे हैं. उनका फरमान साफ है- पैसा दो नहीं तो भुगतो.
सोमेन बनर्जी ने ‘सिंडीकेट राज’ में जंगल के कानून की ओर इशारा करते कहा, ‘इनके वार्ड में एकदम ताला चाबी मार देगा. अंदर लॉक कर देगा…बोलेगा 5 लाख रुपया दो, 10 लाख रुपया दो.’
राणा बासु ने भी सिंडीकेट की ताकत का सोमेन बनर्जी की तरह ही हवाला दिया. राणा बासु ने बताया कि एक शख्स ने कंस्ट्रक्शन का कारोबार उनके क्लब को बिना चंदा दिए शुरू करने की कोशिश की तो कैसे उसे हड़काया गया.
राणा बासु- ‘मुझे पता चला कि मेरे एरिया में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर ढलाई (छत डालने) का काम हो रहा है. मैंने उसे क्लीयर बोल दिया कि मेरे क्लब को चंदा नहीं मिला अभी तक इसलिए मैं काम रोक दूंगा. इस पर वो गुहार करने लगा कि काम मत रोको, मैं देख रहा हूं, मैं देख रहा हूं (हमारी डिमांड के बारे में). मैं जब पकडूंगा तो सब दिख जाएगा.’