बाघ का आंतक, मवेशियों का शिकार, कई गांवों में दहशत
—15 दिन में कई मवेशियों का किया शिकार
— वन विभाग ने अब तक कोई पहल नहीं की
( बलराम सिसोदिया )
मध्यप्रदेश। प्रदेश के रेहटी-मट्ठागांव से लगे वन विकास निगम के 1500 एकड़ में फैले जंगल में बीतें 15 दिन से टाईगर बाघ का आंतक है। बाघ के आंतक के चलते जंगल से सटे कई गांवों में दहशत है। ग्रामीणों का घर से निकलना दुर्भर हो गया है वहीं मवेशिया भी गांव में कैद हो गई है। बाघ ने बीतें 15 दिनों में कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया है। वन विभाग सिर्फ के मूवमेंट बदलने का इंजतार कर रहा है।
जानकारी के अनुसार रेहटी-मट्ठागांव क जंगल में एक बाघ का मूवमेंट होने से इस इलाके में किसान अपने खेतों पर कृषि कार्य नहीं कर पा रहे है। बाघ ने बीतें 15 दिनों में भैंस और गायों का शिकार किया है। वहीं जंगल या उसके आसपास मौजूद मवेशियों का शिकर करने की प्रयास किए जिसमें कई मवेशी घायल हो गई है। ग्रामीणों ने बाघ के मूवमेंट की सुचना वन विभाग को दी। वनविभाग ने ग्रामीणों को अकेले खेत और जंगल के नजदीक न जाने की हिदायत दी है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह समय कृषि कार्य के लिए काफी महत्वपूर्ण इस समय खेत पर कार्य नहीं हुआ तो फसल ही नहीं होगी जिससे किसानों का काफी नुकसान होगाा।
इस मामले में सीहोर वन मंडलाधिकारी रमेश गनावा ने बताया कि बाघ का मूवमेंट एक स्थान पर लगभग एक माह तक रहता फिर वह अपनी जगह बदल लेता है। ग्रामीणों को सावधानी रखकर अपने काम करना चाहिए। बाघ के मूवमेंट बदलने का इंतजार करना होगा।
किसानों ने वन विभाग को साफ कह दिसा है कि इस बाघ के मूवमेंट बदलने का इंजतार नहीं किया जा सकता है। बाघ किसी भी दिन किसी इंसान पर हमला कर सकता है। इस हमले में इंसानी जान जा सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि गुस्से में ग्रामीण बाघ पर हमला कर दे। बाघ और मानव संघर्ष की स्थिति से बचने के लिए वनविभाग को बाघ को इस इलाके से दूर करने के प्रयास करना होंगे।
— इनका कहना है
टाईगर द्वारा भैसा का शिकार करने के बाद किसान को उसका मुआवजा दिया जाएगा। वहीं टाईगर द्वारा घायल मवेशियों का इलाज वन विभाग करा रहा है। गश्त टीम भी लगातर गश्त कर ग्रामीणों को समझाईस दे रही है। —( वंदना मेहतो वन परिक्षैत्र अधिकारी रेहटी)