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रामाकांत भार्गव के संसदीय इलाके के हजारों आदिवासी गड्ढे का गंदा पानी पीने को मजबूर

— पीने को पानी तक नहीं मुहैया करवा रहे है सांसद

 

मध्यप्रदेश की विदिशा सीट से सांसद रमाकांत भार्गव के इलाके के हजारों आदिवासी परिवार गड्ढे का गंदा पानी पीने को मजबूर है। मजबूरी देखिए कि गड्डा का गंदा पानी न पीए तो प्यास से मर जाएगें और पी रहे तो पेट के संकामण से बिमार हो रहे है। इन अदिवासी परविारों की सुनने को क्षेत्र के सांसद रमाकांत भार्गव तैयार नहीं है। जब से चुनाव जीता वे इलाके में फिर लौट कर नहीं आए है।

विदिशा संसदीय क्षेत्र का गांव खाण्डाबड़ शहरी इलाके से दूर है, यहां अधिकांश आदिवासी परविार की ही बस्ती है। इस गांव से लगे करीब दर्जन भर गांवों में आदिवासी ही रहते है। इनके जीने की जद्दोजहद को देखकर लगता है कि कितने झूठे जनप्रतिनिधि और सरकार के विकास के दावे,किसका विकास किया गया है और किसका हो रहा है। इनसाइड स्टोरी की टीम जब यहां पहुंची तो 45 डिग्री तापमान में महिला और बच्चे पथ्थरों के बीच बने एक गड्डे से गंदा पानी अपने बर्तनों में भर रहे थे,दो बर्तन पानी भरने के लिए घंटो तेज धूप में अपना नम्बर आना का इंतजार करना होता है। महिलाएं दिनभर पीने का पानी भरने के लिए भटकती ही रहती है कुछ की तबीयत खराब हो गई,कुछ की चमडी ही धूप में जल गई,यह महिलाएं बताती है कि परिवार को जिंदा रखने के लिए गड्डे से गंदा पानी भरकर ले जाती है। इसके अलावा कोई और स्त्रोत नहीं है।

खाण्डाबड़ में मर्दानपुर नल-जल योजना के तहत पाइप लाईन तो बिछा दी गई है, परन्तु अभी तक ग्रमीणों को नल कनेक्शन नही दिए गए हैं। इसी प्रकार लोक स्वाथ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा लगाए गए हैण्डपंप भूमिगत जल स्तर गिरने के कारण दम तोड चुके हैं। ऐसी परिस्थिति में इस इलाके के कई आदिवासी गांवों में भीषण पेयजल जल संकट गहरा गया है। अब तक इलाके में सरकारी अधिकारी और नेताओं ने पेयजल संकट को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

—गलती कर दी क्या रामकांत भार्गव को वोट देकर

विदिशा—सीहोर संसदीय इलाके में भीषण जल संकट से यहां को लोग जूझ रहे है, शहरी इलाके में तो फिर भी कई तरह के संसाधन है,लेकिन ग्रामीण इलाको में लोग कई किलामीटर दूर से दो बर्तन पानी ला रहे है। आदिवासी इलाको में गड्डों से पीने का पानी भरा जा रहा है। यहां लोगो से बात करने पर बताते है कि रामकांत भार्गव ने चुनाव के समय बहुत वायदे किए थे,लेकिन इस मु​शकिल समय में इधर देख तक नहीं रहे है। आदिवासी तो यहां तक कहते है कि भार्गव को वोट देकर गलती हो गई।

रामकांत भार्गव पर कई तरह के आरोप

इस इलाके के सांसद रामकांत भार्गव पर कई तरह के आरोप ग्रामीण बताचीत में लगाते है,उनका कहना है कि रामकांत भार्गव कुछ समय पहले पैसे वाला नेता नहीं थे,हाल में उन्होंने बहुत बडी कोठी बना ली है,जिसे इलाके व्हाइट हाउस के नाम से पहचाना जाता है। इसके अलावा उनकी चल और अचल संपत्ति में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है।

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