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खेत जोतने के विवाद पर मारपीट करने वाले आरोपियों को तीन-तीन माह की सजा

राजनगर। खेत जोतने के विवाद पर मारपीट करने के मामले में कोर्ट ने फैसला दिया है। जेएमएफसी राजनगर प्रियंक भारद्वाज की कोर्ट ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 3-3 माह की कठोर कैद के साथ 200-200 रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।
अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार फरियादी प्रकाश पाल ने आहतगण गोरेलाल, दीनदयाल एवं केशर के साथ उपस्थित होकर थाना बमीठा में इस आशय का रिपोर्ट की कि वह ग्राम जटापहाड़ी का रहने वाला है। खेती किसानी करता हैं। दिनांक 01 जुलाई 2015 को दोपहर करीब 3 बजे उसका खेत में गांव के आरोपीगण परमलाल, बाबू, मातादीन, पूरनलाल जोत रहे थे तभी वहां प्रकाश, गोरेलाल, दीनदयाल पहुंचे और मना किया कि उनका खेत मत जोतो तो आरोपीगण गंदी-गंदी गाली देने लगे। आरोपीगण बोले तुम्हारे बाप का नहीं हमारा खेत है इसी पर से आरोपीगण परमलाल, बाबू, मातादीन, पूरन लाठियों से मारपीट करने लगे। उसके चिल्लाने पर लोगों ने बीच-बचाव करने के लिए पहुंचे तो आरोपीगण हरी पाल, धनीराम पाल ने उनकी भी लाठियों से मारपीट की। मारपीट से उसको गंभीर चोटें आई तथा गोरेलाल, दीनदयाल, एवं केशर को भी चोटें आई। आरोपीगण कह रहे थे कि रिपोर्ट की जो जान से खत्म कर देंगे।
अभियोजन की ओर से एडीपीओ किशोरी लाल प्रजापति ने पैरवी करते हुए कोर्ट में सबूत पेश किए। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, प्रियंक भारद्वाज की कोर्ट ने आरोपी परमलाल पाल, मातादीन पाल, पूरन पाल, बाबू पाल, हरीपाल, धनीराम पाल को दोषी पाते हुये, आईपीसी की धारा 323/34 के अपराध में तीन-तीन वर्ष की कठोर कैद एवं 200-200 रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

 

मारपीट के तीन आरोपियों को 1-1 वर्ष की कठोर कैद

बिजावर। मारपीट करने के मामले में कोर्ट ने फैसला दिया द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मनीष शर्मा बिजावर की अदालत ने आरोपीगण गुपला, रामेश्वर एवं मोहन को 1-1 वर्ष की कठोर कैद के साथ 1000-1000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
जिला अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार घटना दिनांक 01 नवम्बर 2014 को दोपहर 02:00 बजे फरियादी जानकी प्रसाद अपनी पत्नी सुनीता भाई सीताराम के साथ घर आ रहा था तभी हरिसिंह यादव के खलिहान के पास आरोपीगण गुपला, रामेश्वर एवं मोहन लाठी, फरसा एवं बल्लम लेकर आये और उन्हें रास्ते में रोककर अश्लील गालियां देने लगे गालियां देने से मना करने पर आरोपीगण ने फरियादियों के साथ मारपीट कर दी। घटना के दौरान लोगों ने आकर बीच-बचाव कराया। आरोपीगण जान से मारने की धमकी देकर घटनास्थल से भाग गये। उक्त घटना की रिपोर्ट फरियादी द्वारा पुलिस चौकी घुवारा में पंजीबद्ध कराई गई।
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अजय मिश्रा ने पैरवी करते हुए पक्ष रखा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मनीष शर्मा की अदालत ने आरोपीगण रामेश्वर, गुपला, एवं मोहन को दोषी ठहराते हुये। धारा 325/34 भादवि में 1-1 वर्ष का कठोर कारावास के साथ 1000-1000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।

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