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इस कलंक ने दुनिया में भारत को रखा पहले पायदान पर

दिल्ली। भारत में आवागमन के  दौरान सबसे अधिक लापरवाही सामने आती है; सडक दुर्घटनाओं में हमारा देश् तीसरे स्थान पर मगर सडक दुर्घटनाओं में भारत पहले पायदान पर है; वहीं मध्यप्रदेश में भी सडक दुर्घटनाओं में इजापफा हो रहा है; इस स्थिति को रोकने लिए अब मध्यप्रदेश पहल करने जा रहा है; इससे सडक दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
अब मध्यप्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा नीति, 2015 के पालनार्थ भी प्रदेश स्तर पर विजन जीरो के परिप्रेक्ष्य में सडक सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कार्य समस्त नोडल विभागों द्वारा किया जा रहा है जिसके लिये आवश्यक है कि समस्त एजेंसियां समन्वय पूर्वक कार्य करते हुए जागरूकता को बढ़ायें। यह भी ध्यान में लाया गया कि Haddon’s Matrix सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की कुंजी है। किसी भी सड़क दुर्घटना की रोकथाम हेतु हमें ऐसे प्रयास करने चाहिये कि सड़क दुर्घटनाएँ घटित ही न हों। इसमें पुलिस ट्रांसपोर्ट, समस्त सड़क निर्माण एजेंसी, शिक्षा विभाग का अहम हिस्सा होता है एवं जब कोई सड़क दुर्घटना घटित होती है तो उस समय प्रथमतः पीड़ित को प्राथमिक उपचार दिया जाकर उसे नजदीकी ट्रॉमा केयर सेंटर में पहुँचाया जाना आवश्यक होता है ताकि गोल्डन आवर के दौरान घायल व्यक्ति को बचाया जा सके।
पहले पायदान पर
पीटीआरआई द्वारा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा जारी सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को प्रशिक्षणार्थियों के सामने रखा गया जिसके आधार पर भारत सड़क दुर्घटनाओं में तृतीय स्थान पर है तथा प्रथम स्थान अमेरिका (22,11,439) का है किन्तु इन सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृतक संख्या (1,50,785) में भारत प्रथम स्थान पर है  यह स्थिति देश के लिए बेहतर नहीं है;
नहीं मिल पाता है उपचार
हमारे देश में हेल्थकेयर सुविधाएं सुदृढ़ नहीं हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ऑन सेफ्टी के दिशा-निर्देशों के पालनार्थ हमारे ट्रामा केयर सेंटर को सुदृढ़ किया जाना जरूरी है। टामा सेंटरों का निर्माण तो किया गया है; पर कही डाक्टर तो कही स्टापफ एवं कहीं अन्य संसाधनों की कमी के कारण से सडक दुर्घटनाओं में गंभीर घायल मरीजों को रेपफर करना पडता है, इससे लगातार उपचार मिलने देरी होती है; इस कारण से घायलों की मौत हो जाती है; वहीं शासकीय एवं प्राइवेट एम्बुलेंस को मैम्पड किया जाना नितांत आवश्यक है ताकि सड़क दुर्घटना में मृत्यु के आंकड़ों को कम किया जा सके।
इन जिलों में बढा प्रतिशत
जिन जिलों में विगत वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृतक संख्या में वृ़द्धि हुई है जैसे- अलीराजपुर (31 प्रतिशत), इंदौर(18 प्रतिशत), राजगढ़ (18), मुरैना (15 प्रतिशत), सीहोर (11 प्रतिशत) को उक्त मृतक संख्या में कमी लाये जाने हेतु सतत प्रयास किये जाने के विस्तृत निर्देश यातायात प्रमुख एवं नोडल अधिकारियों को दिये गये। वर्चुअल क्लास के दौरान हाल ही में घटित जिला राजगढ़ की सड़क दुर्घटना, खण्डवा एवं छतरपुर में घटित सड़क दुर्घटनाओं को लेकर क्रेश इंवेस्टिगेशन किये जाने के निर्देश दिये ताकि सड़क सुरक्षा की दृष्टि में विजन शून्य के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। सडक दुर्घटनाओं में हो रहे इजापफे के कारण से सडकों  सुरक्षित आवागमन करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।

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