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नदी सीमांकन का जो काम कलेक्टर रहते कराया कमिश्नर बन कर आए तो वह सारा रेकार्ड गायब

– एक साल में इंदौर के नागरिक देख सकेंगे कान्ह-सरस्वती नदी का सुंदर रूप-आकाश त्रिपाठी

 ( कीर्ति राणा)

आकाश त्रिपाठी के कमिश्नर बनने के दूसरे दिन से ही कान्ह नदी मामले में तेजी आ गई है। क्योंकि नगर निगम, विकास प्राधिकरण, पीएचई, कलेक्टोरेट आदि अमले को पता है कि कलेक्टर रहते त्रिपाठी ने नदी मामले को सर्वोच्चता पर रखा था।अब जब त्रिपाठी कमिश्नर बने हैं तो उन्हें भी समझ आ गया है कि कलेक्टोरेट का अमला कितनी लापरवाही से काम करता है। जुलाई 2012 से 2015 तक त्रिपाठी कलेक्टर रहे तब उन्होंने कान्ह-सरस्वती नदी के बहाव क्षेत्र को व्यवस्थित करने, स्टॉप डेम रख-रखाव और नदी के बहाव क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने में दिलचस्पी दिखाई थी। नदी के किनारों के साथ ही बहाव मार्ग की जमीन की नप्ती कराने के साथ ही सीमांकन दस्तावेज भी तैयार करा लिए थे। 
अभी जब कमिश्नर ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से चर्चा की तो कलेक्टोरेट के अधिकारियों ने नदी बहाव क्षेत्र की नप्ती, कहाँ कितनी शासकीय भूमि चिन्हित है आदि जानकारी नहीं होने का हवाला देते हुए हाथ ऊँचे कर दिए। कमिश्नर ने जब कहा कि सारा नप्ती कार्य तो खुद मैंने पटवारी, आरआई की टीम लगाकर करवाया था, रेकार्ड तलाश कीजिए।इस फटकार के बाद भी रेकार्ड नहीं मिला तो उन्होंने अन्यत्र स्थानांतरित हो चुके तत्कालीन पटवारी, आरआई से संपर्क कर रेकार्ड जुटाने के निर्देश दिए हैं।

 कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने चर्चा के दौरान दावा किया कि अधिकतम एक साल में इंदौर के लोग कान्ह-सरस्वती नदी का बदला स्वरूप देखेंगे।इंदौर विश्व के उन खुशकिस्मत शहरों में है जहां बीच शहर से होकर नदी गुज़रती है।एक साल की इस अवधि में जो करना है वह यह कि अभी जो सीवरेज मिलने के कारण नाले में तब्दील है तो सीवरेज की व्यवस्था अलग करेंगे ताकि पूरे बहाव मार्ग में कहीं भी गंदा पानी नहीं मिल सके।चूँकि बारिश के पानी पर ही निर्भरता है तो स्टॉपडेम के माध्यम से जगह जगह बारिश का पानी रोकेंगे। इसके साथ ही बिलावली, पिपल्यापाला तालाब, नहर भंडारा आदि का पानी सहेजेंगे।साथ ही नदी के किनारों पर पौधारोपण से पूरे बहाव मार्ग को हरी-भरी करेंगे।स्वच्छ इंदौर की नदी भी उतनी ही साफ-सुंदर नजर आए, यह काम पहली प्राथमिकता है, काम समय सीमा में पूरा नहीं हुआ अथवा किसी विभाग की ढिलाई रही तो कार्रवाई भी उतनी ही सख्त होगी। 

पहले आरोग्य अभियान चलाया और अब प्रतिवर्ष बोर्नमेरो के 50 ऑपरेशन कलेक्टर रहते आरोग्य अभियान के माध्यम से कमजोर आय वाले मरीजों का निजी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार-ऑपरेशन आदि कराने जैसी योजना को सरकार ने भी सराहा था। अब इंदौर में प्रतिवर्ष बोर्नमेरो के 50 ऑपरेशन का लक्ष्य रखा है, अभी अधिकतम 20 हो रहे हैं। राज्य सरकार का पहला लक्ष्य है किसानों की क़र्ज़माफ़ी योजना को अंजाम तक पहुँचाना।अब तक तीनों रंग के फार्म वाली श्रेणी में 9.15 लाख किसानों से जानकारी एकत्र की जा चुकी है। 6 फ़रवरी को संभाग के कलेक्टरों की कांफ्रेंस में जिलों की जरूरत, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर चर्चा करेंगे। साथ ही हर काम की समय सीमा निर्धारित कर एक्शन प्लान तैयार करेंगे।

 सर्वटे बस स्टैंड निर्माण की जानकारी लेंगेजब त्रिपाठी को बताया कि बिना किसी ठोस प्लानिंग के जल्दबाजी में सर्वटे बस स्टैंड तोड़ तो दिया लेकिन निर्माण की गति उतनी ही धीमी है।इसी तरह तीन इमली (पालदा) बस स्टैंड को वापस नवलखा शिफ्ट तो किया गया लेकिन न वहां स्थिति सुधरी और न यहां। यात्रियों के साथ ही बस ऑपरेटर भी परेशान हो रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुविधाएँ जुटाने के बाद बस स्टैंड को पालदा ही शिफ्ट करेंगे। सर्वटे बस स्टैंड निर्माण में निगमायुक्त से जानकारी मँगाएँगे।

 आईएसबीटी निर्माण कार्य शीघ्र विकास प्राधिकरण की योजनाओं की समीक्षा बैठक से लौटे त्रिपाठी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि टोल नाके के सामने स्थित आईएसबीटी के निर्माण का कार्य शीघ्र शुरु करने वाले हैं। इसी के साथ विजयनगर में आरटीओ ऑफिस के पास प्राधिकरण की करीब 10 एकड़ जमीन में जो साढ़े तीन एकड़ व्यावसायिक भूमि है वहां शॉपिंग मॉल निर्मित करने के साथ ही मल्टी लेवल पार्किंग निर्मित करना प्रस्तावित है। शेष बची साढे छह एकड़ जमीन पर बस टर्मिनल प्रस्तावित है। 

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