कंगनाकार सूर्यग्रहण का योग : सूर्य के सामने चंद्रमा का होगा योग
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]सारिक घारू[/mkd_highlight]
21 जून को अंतर्राष्टीय योगदिवस पर सुबह सबेरे ऑनलाईन सामूहिक सूर्यनमस्कार किये जाने के बाद सूर्य भी ग्रहण के साये में होगा।
हरियाणा और उत्तराखंड में तो सूर्य को चमचमाते कंगन के रूप में देखा जा सकेगा, लेकिन मध्यप्रदेश के अन्य शहरों के साथ भोपाल में खंडग्रास सूर्यग्रहण सुबह 10ः14 से आरंभ होकर दोपहर 01ः47 तक चलेगा। यहां 3 घंटे 33 मिनिट के ग्रहण के दौरान अधिकतम स्थिति में 11 बजकर 57 मिनिट पर सूर्य का 79 प्रतिशत भाग चंद्रमा के पीछे छिप जायेगा।
आवागमन की दृष्टि से कंगनाकार सूर्यग्रहण देखे जाने के लिये दिल्ली से 160 किमी उत्तर में स्थित कुरू़क्षेत्र उपयुक्त स्थल है जहां 10ः21 से 01ः47 तक चलने वाले ग्रहण के दौरान लगभग 12 बजे 27 सेकंड के लिये यह चमचमाते कंगन के रूप में दिखने लगेगा। इसके अलावा उत्तराखंड के पर्यटक स्थल देहरादून से भी 9 सेकड के लिये वलयाकार सूर्य को देखा जा सकेगा।
21 जून को साल के सबसे लंबे अवधि के दिन को होने वाली इस खगोलीय घटना को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित सोलर व्यूअर की मदद से देखा जा सकेगा। सोलर फिल्टर लगे टेलिस्कोप से भी इसे देखा जा सकेगा। इसके बाद भारत में अगला वलयाकार सूर्य ग्रहण को भारत में देखने के लिये 21 मई 2031 का इंतजार करना होगा।
-भोपाल में आंशिक सूर्यग्रहण का समय
ग्रहण आरंभ – 10ः14
अधिकतम ग्रहण – 11ः57 दोपहर
ग्रहण समाप्त – 01ः47 दोपहर
कुल ग्रहण अवधि – 3 घंटे 33 मिनिट
सूर्य का ढ़ंका भाग – 79 प्रतिशत
वलयाकार स्थिति की अवधि – मप्र में वलयाकार ग्रहण नहीं होगा
-कुरूक्षेत्र में वलयाकार सूर्यग्रहण का समय
ग्रहण आरंभ – 10ः21
अधिकतम ग्रहण वलयाकार ग्रहण – 12ः01 दोपहर
ग्रहण समाप्त – 01ः47 दोपहर
कुल ग्रहण अवधि – 3 घंटे 26 मिनिट
वलयाकार स्थिति की अवधि – 27 सेकंड
-देहरादून में वलयाकार सूर्यग्रहण का समय
ग्रहण आरंभ – 10ः24
अधिकतम ग्रहण वलयाकार ग्रहण – 12ः05 दोपहर
ग्रहण समाप्त – 01ः50 दोपहर
कुल ग्रहण अवधि – 3 घंटे 26 मिनिट
वलयाकार स्थिति की अवधि – 9 सेकंड
( लेखिका नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक है )