धनतेरस पर मंदी की काली छाया ,सूने रहे बाजार
मध्यप्रदेश। प्रदेश में धनतेरस पर भी बाजार सून रहे, दुकानदार ग्राहकों को इंतजार करते रह गए। इस बार ग्राहकी बीतें सालों के तुलना बहुत कम हुई है। बर्तन,ओटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक के शो रूम सजाए गए लेकिन ग्राहक आए ही नहीं। धनतेरस की शाम शो रूम पर इक्का दुक्का ग्राहक ही नजर आए। व्यापारी इसे मंदी की मार बता रहे है। प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर,जबलपुी,ग्वालियर,सागर, छतरपुर में धनतेरस का बाजार मंदा रहा।
छतरपुर के परंपरागत बाजार धनतेरस के दिन भी सूने पड़े रहे। नोटबंदी और जीएसटी से लडख़ड़ाई अर्थव्यवस्था पर अब ऑनलाईन खरीदी का हमला हुआ है जिसके कारण परंपरागत बाजार दीवाली पर भी धराशायी पड़े हैं। हर वर्ष दीवाली पर करोड़ों का कारोबार करने वाले जिले के व्यापारी इस बार ग्राहकों की बाट जोहते रहे।
-सूनी पड़ी रामगली बजरिया, दुकानों पर इक्के-दुक्के ग्राहक
मुख्य बाजार कहे जाने वाले चौक बाजार एवं रामगली बजरिया में पिछले एक सप्ताह से रौनक नहीं है। व्यापारियों को लग रहा था कि शायद धनतेरस के आसपास ग्राहक बाजार में लौटेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। धनतेरस के दिन भी रामगली बजरिया सूनी पड़ी रही। दुकानों पर इक्के-दुक्के ग्राहक ही नजर आए।
-ऑटो सेक्टर में भी गिरावट
छतरपुर में हर वर्ष दीवाली के मौके पर ऑटो सेक्टर में अच्छा कारोबार होता था लेकिन इस बार लगभग 80 फीसदी कारोबार चौपट हो गया है। बाईक डीलर्स आश्चर्यचकित हैं कि इस बार बिक्री क्यों नहीं हो रही है तो वहीं चार पहिया वाहनों पर भी मंदी का जबर्दस्त असर है। मारूति शोरूम के मैनेजर श्री त्रिपाठी ने बताया कि हर वर्ष दीवाली पर लगभग 100 चार पहिया वाहन की बिक्री होती थी लेकिन इस वर्ष सिर्फ 30 वाहन ही बेच पाए हैं।
-ऑनलाईन शॉपिंग ने तोड़ी कमर
जवान होते भारत में ज्यादातर खरीददार भी युवा पीढ़ी से आते हैं और अब युवा पीढ़ी के पास स्मार्ट फोन मौजूद है। इसी स्मार्ट फोन पर सैकड़ों ऑनलाईन शॉपिंग बेवसाईट हैं जिन पर तरह-तरह की सामग्री घर बैठे सस्ते दामों पर बेची जा रही है। बड़ी संख्या में युवा ग्राहक ऑनलाईन की तरफ रूझान कर चुके हैं जिससे परंपरागत बाजार टूट रहे हैं