जो अधिकारी इस कक्ष में बैठा सीधे कलेक्टर ही बना
-निधि निवेदिता से पहले रुचिका चौहान बैठती थीं, वे रतलाम डीएम हैं
– नानाजी ने कुमारी की जगह निवेदिता लिखा तबसे यह शब्द जुड़ गया
(कीर्ति राणा)
अपर कलेक्टर निधि निवेदिता के लिए भी अपर कलेक्टर वाला कक्ष लकी साबित हुआ है। यहां से वे राजगढ़ कलेक्टर बन कर जा रही हैं, उनसे पहले रुचिका चौहान इस कक्ष में बैठती थीं, शिवराज सरकार ने उन्हें रतलाम कलेक्टर पदस्थ किया था। एक साल में अपर कलेक्टर वाले इस कक्ष से विभिन्न जिलों को दो कलेक्टर मिले हैं।2012 बैच की आयएएस निधि को जिले की कमान सौंप कर एक तरह से कमलनाथ ने ये संकेत भी दिया है कि जिलोँ की कमान युवा हाथों को सौंपना भी प्राथमिकता रहेगी।देवास जिले में भी महिला कलेक्टर पदस्थ रही हैं, बहुत संभव है कि स्वाति मीणा के रूप में इंदौर जिले को भी पहली महिला कलेक्टर मिले। यहां के लिए जो तीन नाम चल रहे हैं उनमें दो अन्य नाम खंडवा कलेक्टर विशेष गड़पाले और टीएनसीपी के डायरेक्टर राहुल जैन(पूर्व में सतना कलेक्टर रहे) के चल रहे हैं।
सिंगरोली में जिला पंचायत सीईओ रहते लेडी सिंघम के नाम से मशहूर रही निधि ने शौचालय निर्माण के नाम पर फर्जीवाड़ा पकड़ा था, रेत माफियाओं के खिलाफ भी सख्ती से पेश आईं थीं।2012 बैच की आयएएस निधि निवेदित झाबुआ में सहायक कलेक्टर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना में एसडीएम, भोपाल में परियोजना संचालक महिला बाल विकास रही हैं।
निधि के साथ निवेदिता का आशय ? वे बतातीं हैं कि हमारे नानाजी साहित्यिक रुचि वाले रहे। उन्हें परिवार की लड़कियों के नाम के साथ कुमारी लिखना पसंद नहीं था, इसकी जगह उन्होंने मेरे नाम निधि के साथ निवेदिता जोड़ दिया, तब से यही नाम चल रहा है।
राजगढ़ कलेक्टर वाले आदेश में एक संयोग यह भी जुड़ा है कि रविवार को दिग्विजय सिंह इंदौर आए हुए थे। सौजन्य मुलाकात के लिए वे भी रेसीडेंसी पर उनसे मिली थीं। बताते हैं कि उसी दौरान सिंह ने उनसे राजगढ़ को लेकर चर्चा की। अगले दिन तो उनका आदेश जारी हो गया।
रतलाम में रुचिका चौहान की तरह वे भी राजगढ़ जिले की तीसरी महिला कलेक्टर होंगी।पहले राजगढ़ में कलेक्टर रहे आनंद शर्मा से जब जिले में पदस्थ रही महिला कलेक्टरों के संबंध में जानकारी चाही तो उन्होंने बताया मुझ से काफी पहले अंशु वैश्य और पल्लवी जैन यहां कलेक्टर रही हैं।
जिले को लेकर निधि निवेदिता से उनकी प्राथमिकता पूछी तो कहा मेरी पहली प्राथमिकता तो यही है कि लोकसभा चुनाव निर्विघ्न संपन्न हों। अन्य प्राथमिकताओं में महिला शिक्षा, नल जल योजना, डेम आदि रख-रखाव और नए डेम निर्माण के साथ ही आमजन में प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा करना कि उन्हें अपने काम कराने के लिए किसी की सिफारिश या यहां वहां भटकना नहीं पड़े।