एयरबस कम खर्चीली, जमीन भी बचेगी महंगी होने से रुक सकती है मेट्रो ट्रेन
– अब जितनी भी सड़कें बनेंगी उनकी डिजाइन सर्पाकार नहीं होगी, दुर्घटनाओं में कमी आएगी
(कीर्ति राणा)
राज्य सरकार पर्व-त्यौहार के विशेष अवसर पर महाकाल मंदिर से वीआयपी कल्चर नियंत्रित करने की दिशा में निर्णय लेने जा रही है।प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री और जिले के प्रभारी सज्जन वर्मा ने खास चर्चा के दौरान यह भी जानकारी दी कि मप्र में अब नई सड़कों के जितने भी टेंडर होंगे उनकी डिजाइन सर्पाकार न हो इस बात का खासतौर पर ध्यान रखा जाएगा। सड़कों का निर्माण सीधा-सपाट होगा तो इससे वाहन दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी, मेरा बस चले तो मप्र में सीमेंटेड सड़कों का निर्माण ही नहीं होने दूं, लेकिन सरकार की मजबूरी है।सीमेंटेड सड़क जल संरक्षण के हित में नहीं साथ ही इससे वाहनों के टायर की उम्र भी कम होती है।इंदौर-भोपाल में मेट्रो ट्रेन का निर्माण कार्य शुरु होने से पहले आस्ट्रेलिया की कंपनी का एयरबस प्रोजेक्ट का डेमो भी देखेंगे। मेट्रो की अपेक्षा एयरबस प्रोजेक्ट कम खर्चीला और जमीन के न्यूनतम उपयोग में संपन्न हो सकता है।लोक निर्माण विभाग के मंत्री और जिले के प्रभारी सज्जन वर्मा ने सर्किट हाउस पर खास चर्चा में कहा महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था जितनी सुगम होगी श्रद्धालु उतने ही संतुष्ट होंगे।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों-श्रद्धालुओं से चर्चा में यह बात सामने आई है कि दर्शन को आने वाले वीआयपी के कारण सामान्य श्रद्धालुओं को सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।संवैधानिक पदों पर बैठे विशिष्ठजनों की भी महाकाल में उतनी ही आस्था है, उन्हें और आमजन को भी परेशानी न हो इसलिए वीआयपी कल्चर को नियंत्रित करने पर विचार किया जा रहा है, सीएस से चर्चा पश्चात इसे तत्काल लागू भी कर देंगे। यह नियंत्रण महाकाल मंदिर में होने वाले विभिन्न पर्व-उत्सव के दौरान ही रहेगा।तय यह करना चाहते हैं कि उस दौरान आने वाले वीआयपी के लिए दर्शन-पूजन के लिए दोपहर 2 से 4 बजे का वक्त निर्धारित रहेगा।बाकी सामान्य दिनों में तो जैसी व्यवस्था अभी चल रही है वैसी चलती रहेगी।केंद्रीय मंत्री गडकरी की खुलकर तारीफ की लोनिवि मंत्री वर्मा ने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की दिल से तारीफ करते हुए कहा जबलपुर में हमारे ही दल के लोग फ्लायओवर निर्माण कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे। मैंने अपना लखनऊ का कार्यक्रम निरस्त किया और जबलपुर पहुंचा, दल के लोगों को समझाया, गडकरी के कार्यक्रम में शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री से पिछले सप्ताह जब दिल्ली में मप्र के हाईवे, सड़कों, इंदौर में एलिवेटेड पुल आदि की मंजूरी को लेकर मिला तो उन्होंने सारी योजनाओं को हाथोंहाथ मंजूरी देने के साथ ही राशि की मंजूरी भी दे दी।उन्होंने ही चर्चा में मेट्रो से आगे एयरबस पर काम करने की सलाह दी। मेट्रो में एक किलोमीटर निर्माण पर 350 करोड़ का अनुमानित खर्च आता है जबकि एयरबस के लिए एक किमी निर्माण पर 50 करोड़ का ही खर्च आता है।इसके लिए सिर्फ खंबों का ही निर्माण करना होता है, मेट्रो में शहर-गांव की जमीन जाती है, यह बेशकीमती जमीन भी बचाई जा सकेगी। गडकरी जी को आस्ट्रेलिया की जिस कंपनी ने एयरबस का प्रस्ताव दिया है उस कंपनी को डेमो देने के लिए आमंत्रित करेंगे, उसके बाद ही सीएम जो फैसला लेंगे, उस मुताबिक काम करेंगे।उज्जैन-उन्हेल के बीच जिस मार्ग पर लगातार दुर्घटना हो रही है, यह बात सामने आई है कि सड़क का निर्माण सर्पाकार होना भी एक प्रमुख कारण है।जो सड़कें बन चुकी हैं उनके लिए तो कुछ नहीं किया जा सकता लेकिन अब जितनी भी नई सड़कें बनेगी, यह ध्यान रखा जाएगा कि उनकी डिजाइन सर्पाकार नहीं हो।