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छत्‍तीसगढ़ में तीन मंत्रियों के 14 विभागों के बजट को सदन ने दी मंजूरी

रायपुर । छत्‍तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में विभागीय अनुदान मांगों (विभागीय बजट) पर चर्चा का दौर शुरू हो गया है। सोमवार को तीन मंत्रियों ताम्रध्वज साहू, मोहम्मद अकबर और अनिला भेंड़िया के 14 विभागों के बजट प्रस्तावों को सदन ने मंजूरी दे दी। विभीय बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार के कामकाज की आलोचना के साथ ही अपने क्षेत्र की मांगों को भी रखा। इस दौरान दोनों तरफ से जमकर नोंकझोंक भी चलती रही।

मंत्री- ताम्रध्वज साहू- 11143 करोड़ 37 लाख 42 हजार

लोक निर्माण विभाग (सड़क व पुल के लिए)- 2605 करोड़ 76 लाख
लोक निर्माण विभाग (विदेशी सहायता प्राप्त)- 940 करोड़ 15 लाख
पुलिस- 5665 करोड़ 78 लाख

गृह विभाग- 85 करोड़ 67 लाख
जेल विभाग- 197 करोड़ 49 लाख
धार्मिक न्यास और धर्मस्व- 18 करोड़ 75 लाख
पर्यटन विभाग- 126 करोड़ 24 लाख
मंत्री- मोहम्मद अकबर- 2959 करोड़

न्याय विभाग- 459 करोड़ 95 लाख
परिवहन विभाग-105 करोड़ आठ लाख
आवास एवं पर्यावरण- 579 करोड़ 15 लाख
वन- 1814 करोड़ 91 लाख
मंत्री अनिला भेंड़िया- 1251 करोड़ 98 लाख 10 हजार

महिला एवं बाल विकास- 1136 करोड़ 34 लाख
समाज कल्याण- 115 करोड़ 64 लाख
विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए साहू ने प्रदेश में काम नहीं होने के विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को तीन वर्ष हुए हैं। इसमें से दो वर्षों में कोरोना की वजह से काम प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार कोरोना महामारी की चुनौतीपूर्ण समय का सामना करते हुए सर्वप्रथम लोगों की जान बचाने का काम किया।

हमारी सरकार ने चाहे अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था करने की बात हो, प्रवासी मजदूरों को लाने-लेजाने, उनकी भोजन व्यवस्था, सुरक्षा सहित अन्य जनहित के कार्यों को प्राथमिकता से किया। उन्होंने कहा कि यह बजट गढ़बों नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना का बजट है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार ने सभी वर्गों के विकास के लिए बजट प्रविधान किया है।

यात्री नहीं मिल रहे, इसलिए खड़ी हैं सिटी बसें

मंत्री अकबर ने सिटी बसें खड़ी होने के कारण राज्य के लोगों को सस्ता स्थानीय परिवहन सेवा नहीं मिलने की शिकायतों का जवाब देते हुए कहा कि यात्री नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से बसें खड़ी हैं, लेकिन सरकार विकल्प पर विचार कर रही है। वन पट्टा की वजह से वनों की खटाई के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि पट्टा देने के लिए शर्तें और मापदंड हैं।

13 दिसंबर 2005 के पहले से काबिज आदिवासियों को ही पट्टा दिया जा रहा है। गौर आदिवसी के मामले में 75 साल या तीन पीढ़ी के निवास की शर्त है। इसमें ग्रामसभा का अनुमदोन भी जरुरी है। चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने सदस्यों की तरफ से की गई मांग पर विचार करने का आश्वासन भी दिया।

महिला एवं बाल विकास विभाग की चर्चा में केवल महिलाएं

मंत्री भेंड़िया के विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा में केवल महिला सदस्य ही शामिल हुईं। उनके विभागों का बजट सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया। चर्चा की शुरुआत भाजपा की रंजना साहू ने की। उन्होंने कुल बजट का केवल साढ़े तीन प्रतिशत महिला, बच्‍चों और बुजुर्गों के लिए रखे जाने की आलोचना की। कहा कि इतने बजट में कैसे इतने बड़े वर्ग के लिए का हो पाएगा। बसवा की इंदू बंजारे ने अपने क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों आदि की समस्या के समाधान का आग्रह किया। वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से डा. लक्ष्मी वर्मा और अनिला शर्मा शामिल हुईं।

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