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स्वामित्व योजना : देश के एक लाख लोग बनें अब अपने घर के मालिक,पीएम मोदी ने दिए स्वामित्व पत्र

 

— मोदी ने कहा स्वामित्व योजना गांव के लोगों को आत्मनिर्भर बनाएंगी
— गांव के कई विवाद होगें समाप्त

दिल्ली। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत देश के एक लाख लोगों को स्वामित्व पत्र या प्रॉपर्टी कार्ड दिए है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज जिन एक लाख लोगों को अपने घरों का स्वामित्व पत्र या प्रॉपर्टी कार्ड मिला है, जिन्होंने अपना कार्ड डाउनलोड किया है, उन्हें मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं । आज आपके पास एक अधिकार है, एक कानूनी दस्तावेज है कि आपका घर आपका ही है, आपका ही रहेगा… ये योजना हमारे देश के गांवों में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने वाली है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान में आज देश ने एक और बड़ा कदम उठा दिया है। स्वामित्व योजना, गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है। इन दोनों महापुरुषों का सिर्फ जन्मदिन ही एक तारीख को नहीं पड़ता, बल्कि इनके संघर्ष और आदर्श भी एक समान रहे हैं। गांव और गरीब की आवाज़ को बुलंद करना जेपी और नानाजी के जीवन का साझा संकल्प रहा है। नानाजी कहते थे कि जब गांव के लोग विवादों में फंसे रहेंगे तो न अपना विकास कर पाएंगे और न ही समाज का।

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है, स्वामित्व योजना भी हमारे गांवों में अनेकों विवादों को समाप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगी। संपत्ति का रिकॉर्ड होने पर बैंक से कर्ज आसानी से मिलता है, रोजगार-स्वरोजगार के रास्ते बनते हैं। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, जब संपत्ति पर अधिकार मिलता है तो नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है तो निवेश के लिए नए रास्ते खुलते हैं। पूरे विश्व के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते रहे हैं कि जमीन और घर के मालिकाना हक की, देश के विकास में बड़ी भूमिका होती है।

गांव के कितने ही नौजवान हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहते हैं। लेकिन घर होते हुए भी उन्हें, अपने घर के नाम पर बैंक से कर्ज मिलने में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। स्वामित्व योजना के तहत बने प्रॉपर्टी कार्ड को दिखाकर, बैंकों से बहुत आसानी से कर्ज मिलना सुनिश्चित हुआ। बीते 6 सालों से हमारे पंचायती राज सिस्टम को सशक्त करने के लिए जो प्रयास चल रहे हैं, उनको भी स्वामित्व योजना मज़बूत करेगी। पिछले 6 वर्षों में पुरानी कमी को दूर करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है।

आज देश में बिना किसी भेदभाव, सबका विकास हो रहा है, पूरी पारदर्शिता के साथ सबको योजनाओं का लाभ मिल रहा है। 6 दशकों तक गांव के करोड़ों लोग बैंक खातों से वंचित थे।  ये खाते अब जाकर खुले हैं। 6 दशकों तक, गांव के करोड़ों परिवार शौचालय से वंचित थे। आज घर-घर में शौचालय भी बन गए हैं। दशकों तक गांव का गरीब गैस कनेक्शन से वंचित था। आज गरीब के घर भी गैस कनेक्शन पहुंच गया है। दशकों तक गांव के करोड़ों परिवारों के पास अपना घर नहीं था। आज गांव के करीब-करीब 2 करोड़ गरीब परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं।
छोटे किसानों, पशुपालकों, मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड मिलने से जिनकी काली कमाई का रास्ता बंद हो गया है, उनको आज समस्या हो रही है। यूरिया की नीमकोटिंग से जिनके गैर-कानूनी तौर तरीके बंद हो गए, दिक्कत उन्हें हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधा पैसा पहुंचने से जिनको परेशानी हो रही है, वो आज बेचैन हैं । किसान और खेत मजदूर को मिल रही बीमा, पेंशन जैसी सुविधाओं से जिनको परेशानी है, वो आज कृषि सुधारों के विरोध में हैं।

-कोरोना की जबतक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश ने ठान लिया है कि गांव और गरीब को आत्मनिर्भर बनाना, भारत के सामर्थ्य की पहचान बनाना है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए स्वामित्व योजना की भूमिका भी बहुत बड़ी है।दो गज की दूरी रहे, हाथ की साफ-सफाई बनी रहे और मास्क लगातार मुंह पर रहे, ये हमें सुनिश्चित करना है। याद रखिए, जबतक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।

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