39 भारतीयों की मौत पर बोले शशि थरूर- देर से क्यों दी गई सूचना, अमरिंदर ने भी उठाए सवाल
नई दिल्ली : इराक में साल 2014 में अगवा 39 भारतीय नागरिकों की मौत को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा मंगलवार को राज्यसभा में पुष्टि किए जाने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मामले में देरी को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने इस मामले में कई अन्य जानकारियों की भी मांग की। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इसका ऐलान बहुत पहले कर दिया जाना चाहिए था।
राज्यसभा में सुषमा के बयान के बाद थरूर ने कहा, ‘यह भारतीय के लिए दुखद सूचना है। फिर भी मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर सरकार ने यह सूचना इतनी देरी से क्यों दी? उन्हें बताना चाहिए कि यह आखिर कैसे हुआ और कब इन लोगों की मौत हुई?’ उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सरकार ने जिस तरह की उम्मीदें प्रभावित परिवारों को दी थी, वह भी ठीक नहीं था।
वहीं, पंजाब के मुख्मयंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘हमें पहले से ही इसकी उम्मीद थी। इसकी घोषणा पहले ही कर देनी चाहिए थी। इस बारे में बहुत पहले से पता था।’ इराक में जान गंवाने वाले 39 भारतीयों में से 31 पंजाब के रहने वाले थे।
इस बीच, कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी इराक में मारे गए भारतीय लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है। उन्होंने कहा, ‘हम दुख की इस घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ हैं। हमारी मांग है कि उन्हें केंद्र और राज्य सरकारें वित्तीय सहायता तथा रोजगार दें।’
कांग्रेस नेताओं का बयान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा राज्यसभा में इराक से अगवा हुए 39 भारतीय नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि किए जाने के बाद आया, जिसमें उन्होंने बताया कि 38 लोगों का डीएनए मैच हो गया है, जबकि 39वें का डीएनए 70 प्रतिशत तक मैच हो गया है। विदेश मंत्री ने बताया कि शवों को इराक के बंदूश इलाके में एक पहाड़ी को खोदकर बाहर निकाला गया और डीएनए सैंपल की जांच से उनकी पहचान की गई। उन्होंने इन भारतीय नागरिकों की हत्या के लिए आईएस को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि वह इसके बाद लोकसभा में इस बारे में अपना बयान नहीं दे पाईं और भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।