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ज़िंदगी की जंग हार गया सुजीत, बोरवेल से निकाला गया शव

तमिलनाडु। ज़िंदगी ओर मौत के बीच बीते चार दिनों से जंग लड़ रहा दो वर्षीय मासूम आखिरकार मौत के आगे हार गया। मंगलवार तड़के सुजीत का शव बोरवेल से  निकल लिया गया। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में शुक्रवार को बोरवेल में गिरे दो वर्षीय सुजीत को बचाने के लिये एनडीआरफ व एसडीआरएफ की टीम लगातार प्रयास कर रही थी। बच्चे की सलामती के लिये देश भर में दुआएं भी मांगी जा रहीं थी। लेकिन अंतिम समय मे आखिरकार दुआएं भी काम न आई और मासूम मौत की नींद सो गया। बच्चे का शव मंगलवार तड़के निकाला गया। राजस्व प्रशासन आयुक्त जे राधाकृष्णन ने बताया कि बोरवेल के आस पास लोगों को सोमवार रात को कुछ दुर्गन्ध आई, जिसके बाद चिकित्सा कर्मियों, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों ने स्थिति का जायजा लिया।
राधाकृष्णन ने घोषणा की कि विल्सन की मौत हो गई है। बच्चे के शव को बाहर निकाल कर मनाप्पराई के सरकारी अस्पताल भेजा गया, बाद में शव माता-पिता को सौंप दिया गया।  गौरतलब है कि सुजीत विल्सन करीब 80 घंटों तक 88 फुट की गहरायी में बोरवेल में फंसा रहा था। पथरीली मिट्टी तथा बारिश के कारण बचाव अभियान बाधित होने से उसकी सलामती को लेकर चिंता भी पहले ही बढ़ गई थी। खुदाई के काम को तेज करने के लिए जर्मनी की मशीन का भी इस्तेमाल किया गया था।
गांव में छाया मातम-
शव के बाहर निकलते ही गांव में मातम छा गया और बच्चे को आखिरी बार देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और मंत्रिमंडल के उनके साथी वेललामंडी नटराजन भी अस्पताल पहुंचे। द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन और अन्य राजीनिक पार्टियों के नेताओं ने भी बच्चे के निधन पर शोक व्यक्त किया।

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