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ममता के बाद आधार पर अब स्वामी भी विरोध में, बताया राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

एक तरफ जहां मोदी सरकार आधार को अनिवार्य करके इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी बता रही है और मोबाइल फोन, बैंकिंग, एलपीजी समेत तमाम सुविधाओं से इसे लिंक कराने पर जोर दे रही है वहीं इसपर सियासत भी तेज हो गई है. मोबाइल फोन को आधार से लिंक कराने को अनिवार्य बनाने के फैसले का जहां ममता बनर्जी विरोध कर रही थीं वहीं बीजेपी सांसद सुब्रमण्यण स्वामी भी अब आधार को अनिवार्य करने के विरोध में उतर आए हैं.

सुब्रमण्यण स्वामी ने मंगलवार सुबह ट्वीट करके आधार को अनिवार्य बनाने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कहा कि वे इस बारे में विस्तार से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेंगे. इतना ही नहीं स्वामी ने कहा कि ये भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस फैसले को खारिज कर देगा.

इससे पहले, आधार के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने भी आवाज बुलंद किया था. ममता बनर्जी ने चुनौती दी थी कि वे आधार से अपना मोबाइल लिंक नहीं कराएंगी और मोबाइल कंपनी उनका फोन कनेक्शन काट कर दिखाए. इस मामले पर ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट भी गई थीं. हालांकि, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए कहा कि कैसे एक राज्य की सरकार कानून का विरोध कर सकती है. अदालत ने ममता बनर्जी को एक व्यक्ति के रूप में कोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा.

ममता ने क्या कहा था?

ममता बनर्जी ने ऐसा न करने के पीछे कई वजह भी बताईं. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही आप आधार से मोबाइल लिंक करेंगे उन्हें (केंद्र सरकार) सब पता चल जाएगा. घर में आप क्या खा रहे हैं. पति-पत्नी क्या बात कर रहे हैं. सब उन्हें पता चल जाएगा’.

लोगों से भी की अपील

ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘मैं बाकी लोगों से भी इस मामले में आगे आने की अपील करती हूं. मोबाइल नंबर से आधार को लिंक करने का यह कदम व्यक्तिगत गोपनियता पर अटैक करना है. बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने 23 मार्च को मोबाइल से आधार लिंक कराने का आदेश जारी किया था. तब से ममता बनर्जी इसका विरोध कर रही हैं.

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