वाह मप्र पुलिस…मरने के 16 दिन बाद उपनिरीक्षक का तबादला
— तबादला सूची में नाम की जांच तक नहीं करते जिम्मेदार
— सरकार की किरकिरी करवा रहे है अधिकारी
मध्यप्रदेश। प्रदेश में कुछ अधिकारी सरकार की किरकिरी करवा रहे है। इस तरह के अधिकरी लगभग सरकार के हर विभाग में मौजूद है। हाल ही में मप्र पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों ने नया करनामा कर सरकार की फिर से किरकिरी करवा दी है। 28 नवंबर को हुए पुलिस अधिकारियों के तबादला में मृत उपनिरीक्षक का भी तबादला कर दिया है। जिससे मृतक के परिजनों को तो दुख हुआ ही है साथ प्रदेश की जनता में भी गलत संदेश गया कि अधिकारी आखं बंद कर काम कर रहे है।
जानकारी के अनुसार 28 नंवबर 2019 को मप्र पुलिस मुख्यालय से पुलिस अधिकारियों के तबादला सूची जारी की गई थी। इस तबादला सूची में क्रांमक 77 पर छोटेलाल तोमर उपनिरीक्षक का तबादलाआगर मालवा से ग्वालियर किया है। जबकि उपनिरीक्षक छोटेलाल तोमर का निधन 12 नवंबर को कैंसर से जुझते हुए हो गया है। उनकी मौत के ठीक 16 दिन उनका तबादला आदेश जारी किया जाता है, जबकि उनकी मौत की सुचना विभाग को उसी समय मिल गई होगी। पुलिस पुलिस मुख्यालय से जारी की तबदला सूची में दर्ज नामों की जांच क्यों नहीं की गई? वहीं जिम्मेदारों ने बिना परिक्षण किए हस्ताक्षर कर दिए। यह चूक सरकार की खूब किरकिरी करवा रही है। इससे पहले भी अन्य विभागों के अधिकारी मप्र सरकार की किरकिरी करवा चुकें है।
— विधानसभा नेता प्रतिपक्ष ने भी उठाया मामला
पुलिस तबदला सूची में मृत एसआई का नाम होने के मामले को विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी उठाया है। श्री भार्गव ने ट्विटर पर पोस्ट कर इस मामले पर लिखा है कि सरकार भी अजब-गजब सरकार है। तबादला उद्योग भी बेपटरी निकला। कल पुलिस मुख्यालय से जारी तबादला आदेश में मृत एसआई छोटेलाल सिंह तोमर का आगर मालवा से ग्वालियर स्थानांतरण कर दिया। सोयत में पदस्थ छोटेलाल तोमर का ब्लड कैंसर की वजह से 12 नवम्बर को स्वर्गवास हो गया था।