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मध्य प्रदेश चुनाव: कंप्यूटर बाबा ने शिवराज सरकार को धर्मविरोधी बताया

मध्यप्रदेश में पिछले 15 साल से सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ संतों को लामबंद करने के अभियान का यहां औपचारिक आगाज करते हुए कम्प्यूटर बाबा ने मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान की सरकार को धर्म विरोधी करार दिया। साथ ही संतों के बड़े जमावड़े में अपील की कि 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में इस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकें।

वादाखिलाफी का आरोप

शिवराज सरकार ने नामदेव दास त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा समेत पांच धार्मिक नेताओं को अप्रैल में राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, लेकिन कम्प्यूटर बाबा ने कुछ दिन पहले यह आरोप लगाते हुए इस दर्जे से इस्तीफा दे दिया कि इस सरकार ने संत समुदाय से वादाखिलाफी की है। कम्प्यूटर बाबा ने यहां संत समागम में करीब 1,000 साधु-संन्यासियों की मौजूदगी में कहा कि शिवराज ने मुझसे वादा किया था कि नर्मदा को स्वच्छ रखा जाएगा और इस नदी से अवैध रेत खनन नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन ये वादे नहीं निभाये गए। अब हम समझ गए हैं कि यह सरकार धर्मविरोधी है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने गायों के संरक्षण के लिए भी कुछ नहीं किया। मठ-मंदिरों और संतों की कुटियों को कथित तौर पर उजाड़ दिया गया। कंप्यूटर बाबा ने घोषणा की कि आने वाले दिनों में ग्वालियर, खंडवा, रीवा और जबलपुर में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ संत समागम आयोजित किए जाएगे। इन कार्यक्रमों में देशभर के संतों को आमंत्रित किया जाएगा।

संतों ने की मन की बात

संत समागम के दौरान ‘संतों के मन की बात’ कार्यक्रम भी हुआ। इसमें वक्ता संतों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर तीखे हमले किए। देश की मौजूदा आरक्षण प्रणाली, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले और सूबे में महिलाओं, खासकर छोटी बच्चियों से बढ़ते बलात्कार के मुद्दे उठाए। समागम में कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेता भी दिखाए दिए। इस बारे में मीडिया के सवालों पर कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि सभी 13 अखाड़ों के धार्मिक नेताओं की भागीदारी वाले संत समागम से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। यह कार्यक्रम सबके लिए खुला था।

कंप्यूटर बाबा जैसे लोग व्यक्तिगत हित के लिए लड़ रहे : स्वामी परमात्मानंद सरस्वती

आचार्य सभा के महासचिव स्वामी परमात्मानंद सरस्वती महाराज ने कंप्यूटर बाबा पर संतों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। कहा कि कंप्यूटर बाबा जैसे लोग सार्वजनिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत हित के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

सोमवार रात को पत्रकार वार्ता में स्वामी परमात्मानंद महाराज ने कंप्यूटर बाबा के शिवराज सरकार के विरोध पर कहा कि कंप्यूटर बाबा जैसे लोग सार्वजनिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत हित के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। मध्यप्रदेश और देशभर के कई प्रमुख संतों ने सोमवार रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा धार्मिक मामलों में किए गए कार्यों पर संतुष्टि जताई और मुख्यमंत्री का सम्मान किया। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि कंप्यूटर बाबा के विरोध की वजह से कुछ संतों ने इकठ्ठे होकर मुख्यमंत्री चौहान का सम्मान किया है।

संत सभा ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए 1,600 करोड़ रुपये की लागत से नर्मदा किनारे जल मल शोधन संयंत्र लगाने के प्रयास शुरू करने, आदि शंकराचार्य यात्रा करने और मंदिर के पुजारियों का मानदेय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री चौहान की प्रशंसा की।

…तो कांग्रेस का भी सम्मान करेगा संत समाज

कांग्रेस द्वारा राज्य की सत्ता में आने पर गांवों में गौशाला बनाने की घोषणा के बारे में पूछने पर स्वामी ने कहा कि ऐसा होता है तो संत समुदाय उनका भी सम्मान करेगा। इस मौके पर संत सभा ने मुख्यमंत्री चौहान को चौथी बार फिर से सरकार बनाने का आशीर्वाद भी दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने उनकी सरकार द्वारा धार्मिक क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों का जिक्र किया और नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान उनकी आलोचना करने वालों की निंदा भी की

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