सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम से कहा- देश में ही रहें, विदेश जाने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार
दिल्ली की अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस प्रकरण में सीबीआई और ईडी के मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिली छूट 29 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट विदेश जाने की अनुमति के लिये कार्ति चिदंबरम की याचिका पर भी तत्काल सुनवाई से इंकार। कार्ति के वकील की अपील पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कार्ति को भारत में रहने का आदेश दिया और कहा की आप बाहर नहीं जा सकते।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल एयरसेल-मैक्सिस मामले में पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण एक नवंबर तक बढ़ा दिया था। विशेष सीबीआई जज ओ पी सैनी ने मामले की अगली सुनवाई के लिए एक नवंबर की तारीख उस वक्त तय की जब सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश हुए वकीलों ने इस मामले में स्थगन की मांग की थी।
बता दें कि 19 जुलाई को सीबीआई की ओर से दाखिल आरोप-पत्र में चिदंबरम और उनके बेटे को नामजद किया गया था। सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए चिदंबरम ने कैसे एक विदेशी कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिला दी, जबकि सिर्फ कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति को ऐसा करने का अधिकार था। करीब 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस करार और 305 करोड़ रुपए के आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम की भूमिका जांच एजेंसियों की छानबीन के दायरे में है।