Top Stories

अफगानिस्तान के नवनिर्माण के लिए भारत-दक्ष‍िण कोरिया मिलकर करेंगे काम

भारत और दक्षिण कोरिया ने अफगानिस्तान के नवनिर्माण के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्ष‍िण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में यह निर्णय लिया गया. इसके पहले भारत और चीन ने इसके लिए साझेदारी करने का फैसला किया था.

मोदी और मून ने एक दूसरे को अपने-अपने देशों के ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और ‘न्यू साउदर्न पॉलिसी’ की जानकारी दी. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी ‘विजन स्टेटमेंट’ में कहा गया है, ‘हम इस द्व‍िपक्षीय साझेदारी के महत्व और हमारे क्षेत्र की शांति, स्थिरता और सुरक्षा में इसके योगदान को समझते हैं. हम दूसरे देशों के विकास में त्रिपक्षीय साझेदारी की संभावना तलाशने पर सहमत हुए हैं और इसकी शुरुआत अफगानिस्तान में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों से होगी.’

दोनों देश अभी इस पर विचार करेंगे कि अफगानिस्तान की किन परियोजनाओं में सहयोग किया जाए. विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति शरण ने इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ अफगानिस्तान में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी साझेदारी के लिए भारत कोशिश करेगा. उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान में क्षमता निर्माण कार्यक्रम के बारे में भारत और कोरिया के बीच ठोस चर्चा हुई है. हालांकि अभी यह चर्चा के स्तर पर ही है, लेकिन निश्चित रूप से यह होगा.’

क्षेत्रीय सुरक्षा के मसलों पर चर्चा करते हुए दोनों पक्षों ने कोरियाई प्रायद्वीप के बारे में बात की और उत्तर कोरिया (DPRK) तथा दक्ष‍िण कोरिया (ROK) के बीच हाल में हुई शांति वार्ता का स्वागत किया.

इस दौरान एक तरह से पाकिस्तान पर चोट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि मानवता की भलाई के लिए शांति और जनसंहारक हथियारों के अप्रसार को बढ़ावा देना होगा.

गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन चार दिवसीय दौरे पर भारत में हैं. मंगलवार को भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन ने हैदराबाद हाउस में चर्चा की. दोनों देशों के प्रमुखों ने कुल दस समझौताें पर हस्ताक्षर किए. दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2020 में उनके देश आने का न्योता दिया.

बैठक के बाद साझा वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरिया गणराज्य की प्रगति विश्व में अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है. कोरिया के जनमानस ने दिखाया है कि यदि कोई देश एक समान विजन और उद्देश्य के प्रति वचनबद्ध हो जाता है तो असंभव लगने वाले लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकते हैं. कोरिया की यह प्रगति भारत के लिए भी प्रेरणादायक है.

Related Articles

Back to top button