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सोलह वर्षीय करनबीर ने बचाई 15 जिंदगियां

पंजाब का 16 वर्षीय करनबीर वो बहादुर लड़का है जिसने 20 सितम्बर 2016 को एक साथ 15 घरों के दियों को बुझने से बचा लिया था. उस दिन करन ने न सिर्फ अपने आपको बचाया था बल्कि 15 दूसरे बच्चों की जान भी बचाई थी. करनबीर से ही सुनते हैं उसकी बहादुरी कि किस्से को.

उस दिन हम स्कूल बस से घर आ रहे थे. ड्राइवर बस को बहुत तेज चला रहा था. इसी दौरान अटारी गांव के पुल को पार करते वक्त बस दीवार से टकराकर नाले में जा गिरी. बरसात होने के चलते उस दिन नाले में करीब 12-13 फुट पानी था. कुछ ही देर में पानी बस में भर गया. बस का दरवाजा खुल नहीं रहा था. तभी मैंने खिड़की के शीशे को तोड़ दिया. उस खिड़की के रास्ते मैं एक-एक कर बच्चों को बाहर लाने लगा. लेकिन इसी दौरान थकान मुझ पर हावी होने लगी.

8 बच्चों को बचाने के बाद अब चार कदम भी चलना दूभर हो रहा था. लेकिन मासूमों की चीखें मेरे कान में पड़ रहीं थी. मैं हिम्मत जुटाकर फिर से बस में घुस गया और बच्चों को बाहर लाने लगा. इस दौरान मैं घायल भी हो चुका था. मेरी आंख के ऊपर गहरा जख्म हुआ था. लेकिन मैं सिर्फ 15 बच्चों को ही बचा सका और 7 बच्चे हम लोगों को छोड़कर दूसरी दुनिया में जा चुके थे. आज 15 बच्चों को बचाने की खुशी से ज्यादा मुझे उन 7 बच्चों को न बचाने का बहुत अफसोस होता है.

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