छिंदवाडा से शिवराज की ललकार, बोले अभी टाइगर जिंदा है सरकार
(दीपक भार्गव)
मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह क्षेत्र छिंदवाडा में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छत्रपति शिवाजी की मूर्ति के समर्थन में आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम शिवराज ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर सीधे तौर पर हमला बोलते हुए कहा कि ये प्रतिमा किसके इसारे पर हटाई गई थी। जनता का आक्रोश बढा तो अब अपने पैसे से मूर्ति लगवाने की बात कर रहे हैं। आगे पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि जरूरत पडी तो शीश कटा देंगे लेकिन अपमान नहीं होने देंगे, टाइगर अभी जिंदा है।
निकाली जाए एसडीएम की कॉल डिटेल —
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि कमलनाथ जी नकुलनाथ जी तुम्हारे पैसों से नहीं जनता के पैसों से मूर्ति लगेगी। उन्होंने कमलनाथ सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर बडी मूर्ति लगवानी थी तो छोटी मूर्ति गिराई क्यों? प्रतिमा किसके इसारे पर गिराई गई? शिवराज ने कहा कि क्या एसडीएम की हैसियत थी जो अकेले आधी रात को प्रतिमा गिरा दे फोन किसने किया था? फोन कहां से आया था? फोन कब आया था? एसडीएम की कॉल डिटेल निकाली जाए तो पता चल जाएगा फोंन किसने किया था। पहले प्रतिमा गिरवाने के लिए फोन करावाया जाता है बाद में जब जनता का आक्रोश बढता है तो कहने लगते हैं नहीं हम तो लगवा देंगे।
क्या है पूरा मामला—
छिंदवाड़ा जिले के सौंसर के मोहगांव तिराहे से छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को मशीन से अपमानजनक तरीके से हटाए जाने का मा्मला तूल पकड़ रहा है। बीजेपी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बताया जाता है कि शिवसेना और हिंदूवादी संगठनों ने मोहगांव तिराहे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने के लिए नगरपालिका को पहले ज्ञापन दिया था। ज्ञापन के बाद नपा अध्यक्ष ने मोहगांव तिराहे पर जाकर प्रतिमा स्थापना के लिए जगह देखी थी, जब प्रतिमा स्थापना की मंज़ूरी मिलने में देरी होती दिखी तो हिंदूवादी संगठनों ने वहां अस्थायी चबूतरा बनाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित कर दी थी। मामले की जानकारी मिलने पर रात में ही प्रशासन की टीम वहां पहुंची और मूर्ति हटवा दी। प्रशासन द्वारा मूर्ति हटवाए जाने के बाद से ही मूर्ति विवाद ने तूल पकड लिया।
कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने—
छत्रपति शिवाजी की मूर्ति मामले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों आमने-सामने आ गए। भाजपा का आरोप है कि प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में प्रतिमा को हटाया गया है जो अपमानजनक है। कांग्रेस ने इस बात को साफ किया है कि प्रतिमा की स्थापना भव्य समारोह के साथ की जा रही है। प्रतिमा को गलत तरीके से हटाना उद्देश्य नहीं था। इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।