वंदेमातरम् विवाद: कमलनाथ के फैसले पर शिवराज बोले-राष्ट्रगीत गाने में शर्म आती है, तो मुझे बता दें
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath ) के एक जनवरी से मंत्रालय में वंदेमातरम (Vande Mataram ) गान की अनिवार्यता को बंद कर दिया है। प्रदेश सरकार के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं और बीजेपी के समस्त विधायक विधानसभा सत्र के पहले दिन 7 जनवरी 2019 को सुबह 10:00 बजे वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् का गान करेंगे। इस मुहिम से जुड़ने हेतु आप सभी का स्वागत है।
इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा था कि अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती है, जाती है लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है। मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो। जय हिंद!,
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पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा था कि वंदे मातरम् के कारण लोगों के हृदय में प्रज्वलित देशभक्ति की भावनाओं में नयी ऊर्जा का संचार होता था। अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने यह परंपरा आज तोड़ दी। आज पहली तारीख़ को वंदे मातरम् नहीं गाया गया! मध्यप्रदेश में वंदे मातरम् का गान हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्रियों द्वारा किया जाता था और हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् गान में सभी कर्मचारी और अधिकारी गण उपस्थित रहते थे।
शिवराज ने कहा कि वंदे मातरम् ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए हज़ारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने सीने पर अंग्रेज़ों की गोलियां खायी थी। इसी मंत्र को जपते-जपते लाखों लोगों ने देश को आज़ाद करने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। वंदे मातरम् सिर्फ़ हमारा राष्ट्रीय गीत ही नहीं परंतु राष्ट्र भक्ति का पर्याय है। वंदे मातरम् ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए भारत माता के हज़ारों सपूत हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए थे।्र
क्या था कमलनाथ सरकार का फैसला
कमलनाथ ने कहा था कि यह निर्णय ना किसी एजेंडे के तहत लिया गया है और ना ही हमारा वंदेमातरम गान को लेकर कोई विरोध है। उन्होंने कहा था कि वंदेमातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है। हम भी समय-समय पर इसका गान करते है। उन्होंने कहा कि इसे वापस प्रारंभ करेंगे, लेकिन एक अलग रूप में। उन्होंने कहा कि हमारा यह भी मानना है कि सिर्फ एक दिन वंदेमातरम गाने से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलिक्षित नहीं होती है।
देशभक्ति को सिर्फ एक दिन वंदेमातरम से जोड़ना गलत
उन्होंने कहा कि देशभक्ति व राष्ट्रीयता को सिर्फ एक दिन वंदेमातरम गान से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाला हर नागरिक देशभक्त, राष्ट्र भक्त है। उससे किसी भी प्रकार के प्रमाणपत्र लेने की और ना उसे किसी को देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस पर राजनीति ना करे। हम इसे नए रूप में शीघ्र निर्णय लेकर लागू करेंगे