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कमजोर वर्गों और महिला-किसान पंचायतों का आयोजन विश्व की अनूठी प्रजातांत्रिक कवायद!

shivraj singh chauhan is the best Chief Minister of India
शिवराज ने विकास के एजेण्डा के साथ सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में, बेटियों के जन्म को अभिशाप मानने, नशामुक्ति और पर्यावरण संरक्षण जैसे ज्वलन्त मुद्दों पर सामाजिक जागरूकता पैदा करने में सफलता हासिल की। उनके बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मिल-बाँचें कार्यक्रम, स्कूल चलें हम अभियान, शौर्या दल, आओ बनाये मध्यप्रदेश, आदिवासी सम्मान यात्रा, नमामि देवि नर्मदे-सेवा यात्रा और एकात्म दर्शन यात्रा को जनता ने हाथों हाथ लिया। ये सभी कार्यक्रम सरकार प्रेरित थे, परन्तु जन-अभियानों और जन-आंदोलनों में बदले, जिन्होंने सरकार के साथ समाज को खड़ा करने की उनकी सोच को बल प्रदान किया।

हाशिये के लोगों की सलाह से उनकी भलाई के प्रयास का उनका प्रयोग अनूठा रहा। मुख्यमंत्री निवास पर अनेक कमजोर वर्गों और महिला-किसान पंचायतों का आयोजन विश्व की अनूठी प्रजातांत्रिक कवायद रही। इन्हीं पंचायतों में प्राप्त सुझावों पर बनी लाड़ली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन जैसी सफल योजनाएँ इसका प्रमाण है। किसने सोचा था कि घरेलू कामकाजी महिला, शिल्पी, कुम्हार, युवा, महिला, किसान, हम्माल, तुलावटी, हाथठेला और रिक्शा चालक, वृद्धजन, केश शिल्पी, चर्म शिल्पी, आदिवासी, विद्यार्थी, फेरीवाले, नि:शक्तजन आदि मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री के मेहमान होंगे और उनसे सीधा संवाद करेंगे।

महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सशक्तीकरण ने उन्हें और प्रदेश को देश-विदेश में नयी पहचान दी। जन्म से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, विवाह, संतान उत्पत्ति, रोजगार और अंत्येष्टि तक की योजनाएँ और उन पर कारगर अमल उनका ऐसा काम है जो आधी आबादी के प्रति उनकी संवेदनशीलता को रेखांकित करता है। प्रदेश की महिलाएँ और बच्चियाँ इस बात की गवाह है कि उनके परिवार से अलहदा एक व्यक्ति उनके प्रति करूणा, संवेदना और उनके हालात बदलने की इच्छा रखता है। ताज्जुब तो इस बात का है कि महिलाओं के कल्याण के क्षेत्र में काम कर रही देश-विदेश की नामचीन संस्थाओं ने उनके इस काम का अभी तक संज्ञान क्यों नहीं लिया।

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