शरद पूर्णिमा का चंद्रमा सबेरे 5ः08 बजे पश्चिम में अस्त हो जायेगा,4 लाख किमी होगा दूर
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]सारिका घारू[/mkd_highlight]
आज 30 अक्टूबर को पूर्णिमा का चांद पूर्वी आकाश में शाम 5ः13 बजे क्षितिज से उदित होना आरंभ होगा। लालिमा लिया चांद क्षितिज पर कुछ बड़े रूप दिखेगा। उपर उठने के बाद यह सामान्य पूर्णिमा के चांद की तरह चमकीला होते हुये 99.2 प्रतिशत चमक के साथ आकाश में लगभग 12 घंटे रहकर सुबह सबेरे 5ः08 बजे पश्चिम में अस्त हो जायेगा।
चंद्रमा एक ही रात में न तो रंग बदलता है और न आकार,। वो तो उदित होते समय हमारी पृथ्वी का वातावरण चंद्रमा को लालिमा लिये दिखाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3 लाख 60 हजार किमी दूर रहता है तो वह अधिक बड़ा और चमकीला दिखता है़ जिसे सुपरमून कहते हैं। इस शरद पूर्णिमा को चंद्रमा 406394 किमी रहते हुये हमसे ज्यादा दूर है इसलिये यह सुपरमून की तरह नहीं चमकेगा।
उदय एवं अस्त के समय चंद्रमा की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल में अधिक दूरी तय करती हैं जिससे बाकी रंग तो बीच में ही खो जाते हैं केवल लालिमा हमारी आंखो तक आती है।
उदय एवं अस्त के समय समय चंद्रमा को देखते समय हमारे सामने पृथ्वी पर स्थित इमारत, पहाड़, वृक्ष, आदि भी दिखते हैं जिनको साथ देखने पर हमे लगता है कि चंद्रमा का गोला बड़ा हैं। यह आंखों का भ्रम या इलुजन होता है।
शहर पूर्व दिशा में चंद्रोदय पश्चिम दिशा में चंद अस्त का समय
छिंदवाड़ा – 5ः07 शाम 5ः02 सुबह
होशंगाबाद – 5ः12 शाम 5ः07 सुबह
भोपाल – 5ः13शाम 5ः08 सुबह
इंदौर – 5ः20 शाम 5ः15 सुबह
( लेखिका नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक है )