SC/ST एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी केंद्र सरकार : सूत्र
नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्रालय ने एससी-एसटी एक्ट मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने की मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने यह फैसला विपक्षी दलों की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद लिया है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। इससे पहले एनडीए की एक दलित सांसद, लोजपा के प्रमुख राम विलास पासवान और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने की अपील की। सूत्रों ने टाइम्स नाउ को बताया कि कानून मंत्रालय ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा भेजी गई अर्जी को मंजूरी दे दी है।
एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ कदम उठाने की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे। राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा, ‘दलितों और आदिवासियों के खिलाफ देश भर में अत्याचार के मामले बढ़े हैं जबकि एससी/एसटी एक्ट कमजोर हुआ है। राष्ट्रपति ने हमारी बातों को ध्यान से सुना। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।’
एससी और एसटी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ इन समुदायों की सुरक्षा के बड़े बड़े दावे करती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि एनडीए सरकार ने अपने पक्ष को सही ढंग से पेश नहीं किया। राहुल गांधी ने कहा कि इस सिलसिले में उन्होंने राष्ट्रपति महोदय से मिलकर अपनी बात रखी।
बता दें कि मोदी सरकार में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सोमवार को पुनर्विचार अर्जी दायर की थी। एलजेपी नेता चिराग पासवान ने मीडिया से कहा था कि उनकी पार्टी ने पुनर्विचार अर्जी दायर की है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अत्याचार रोकथाम कानून को कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कानून के मूल प्रावधानों को बहाल किया जाए जो उत्पीड़न के खिलाफ दलितों और आदिवासियों के लिए हथियार हैं।