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भारत ने कहा- चीन के साथ कई गलतफहमियां दूर हुईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान शिखर सम्मेलन ने दोनों देशों की गलतफहमियों को दूर किया है। राजदूत गौतम बंबावाले ने कहा कि इसके बाद दोनों देश वैश्वीकरण जैसे कई मुद्दों पर मिलकर काम कर सकेंगे।

बंबावाले ने कहा कि वुहान में मोदी और शी ने करीब दस घंटे तक एक-दूसरे से वार्ता की जिसे दोनों पक्षों ने रणनीतिक बातचीत बताया। उन्होंने 27-28 अप्रैल को हुए सम्मेलन पर कहा, दोनों नेता इस तरह की अनौपचारिक बैठक करना चाहते थे। अनौपचारिक सम्मेलन करने के पीछे की वजह यही थी कि हम चाहते थे कि दोनों नेता अधिकतम समय तक एक-दूसरे से बाचतीत करें।

बंबावाले ने गुरुवार को सरकारी चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क से कहा, हमने कई गलतफहमियां दूर कीं जो एक-दूसरे के बारे में होंगी। मुझे लगता है कि बहुत सी चीजें है जो भारत और चीन एक साथ मिलकर कर सकते हैं। केवल कुछ चीजें है जहां हम एक-दूसरे से अलग हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश बहुपक्षवाद के लाभार्थी हैं और भारत, चीन की तरह वैश्वीकरण के समर्थन में है।

दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि वे विकासशील देश हैं जो करीब 2.4 अरब आबादी के रहन-सहन में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। दोनों देश जिस मुद्दे पर बंटे हुए हैं, वह है सीमा का अनसुलझा सवाल।

बंबावाले ने कहा, सीमा समस्या के प्रस्ताव के लिए काम करने के साथ हम इस पर सहमत हुए कि हम अपनी सीमाओं पर शांति एवं सामंजस्य बनाए रखेंगे और पिछले 30 वर्षों में हम इसमें सफल हुए हैं।

भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) आती है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है, जबकि भारत अक्साई चीन इलाके पर दावा जताता है जो चीन ने 1962 के युद्ध के दौरान हथिया लिया था

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