कैश की किल्लत दूर करने को 2000 के नोटों की छपाई बंद
देश के कई हिस्सों में कैश की कमी की शिकायतों के बीच सरकार ने कहा है कि 500, 200 और 100 रुपये मूल्य के नोट लेनदेन में सुविधाजनक हैं और अतिरिक्त मांग पूरी करने के लिए 500 रुपये के नोटों की छपाई हर दिन तीन हजार करोड़ रुपये तक बढ़ा दी गई है. आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यह बात कही है.
गर्ग ने कहा कि देश में कैश की स्थिति काफी अच्छी है और अतिरिक्त मांग भी पूरी हो रही है. गर्ग ने यह भी बताया कि अब 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई नहीं की जा रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के अनुसार गर्ग ने कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद अभी देश में ब्याज दरों को बढ़ाने को नहीं कह रही है, क्योंकि मुद्रास्फीति में असंगत वृद्धि या आउटपुट में असाधारण ग्रोथ नहीं है. सचिव ने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह देश में कैश परिस्थिति का आकलन किया है और 85 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं. कुल मिलाकर देश में यह काफी सामान्य है.
कैश की किल्लत नहीं
उन्होंने कहा, ‘पर्याप्त कैश है और इसकी आपूर्ति की जा रही है. अतिरिक्त मांग भी पूरी हो रही है. मुझे नहीं लगता है कि इस समय कैश की कोई समस्या है.’ उन्होंने कहा कि इस समय 2000 के 7 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट चलन में हैं, जो कि पर्याप्त से अधिक है और इसलिए 2000 रुपये के नए नोट जारी नहीं किए जा रहे हैं. 500, 200 और 100 रुपये के नोट लोगों के बीच लेनदेन का माध्यम है. लोग 2000 रुपये के नोट को लेनदेन में बहुत सुविधाजनक नहीं मानते. 500 रुपये के नोटों की आपूर्ति पर्याप्त रूप से की जा रही है. हमने उत्पादन को प्रतिदिन 2,500-3000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है.
गर्ग ने कहा कि रिजर्व बैंक करंसी नोट्स की सिक्यॉरिटी फीचर्स को बढ़ा रहा है ताकि नकल न हो. पिछले ढाई साल में देश में उच्च गुणवत्ता के नकली नोटों के मामले न के बराबर सामने आए हैं, लेकिन आरबीआई नए फीचर्स की तलाश और अमल में लाने में जुटा रहता है. गर्ग ने कहा है कि सरकार को आरबीआई की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति ( एमपीसी) का ब्याज दर बढ़ाने को लेकर कोई झुकाव नजर नहीं आता और इस संबंध में कोई भी निर्णय ठोस आंकड़ों से निर्देशित होना चाहिए. उन्होंने से कहा कि अप्रैल में एमपीसी की पिछली बैठक के ब्योरे में ब्याज दर बढ़ाने को लेकर कोई झुकाव प्रतिबिंबित नहीं होता.