रेल राज्यमंत्री से गुहार, पैसेंजर ट्रेन चलवाकर सामान्य टिकट दिलवाइए
भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण बंद की गई पैसेंजर ट्रेनें और यात्री सुविधाओं को शुरू करने की मांग दिल्ली तक पहुंच गई है। रेल अप-डाउनर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में रेल राज्यमंत्री दानवे राव साहेब दादाराव से मुलाकात की और कोरोनाकाल में बंद की गई पैसेंजर ट्रेनों को पुन: चालू करने की मांग रखी है। उन्होंने रेलराज्यमंत्री को अपनी समस्या बताते हुए कहा कि ये ट्रेनें एक मंडल व जोन से दूसरे मंडल व जोन तक जाती थीं। लंबी दूरी तय करती थीं। इनमें आर्थिक रूप से कमजोर यात्री कम राशि में अधिक दूरी तक सफर कर लेते थे। इन्हीं ट्रेनों को चालू नहीं किया जा रहा है। जो मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, उनमें सामान्य टिकट नहीं दिए जा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों से रेल परिवहन जैसी सुविधांए दूरी होती जा रही है। रेल राज्य मंत्री ने इस मुख्य समस्या को गंभीरता से सुना और निराकरण का भरोसा दिया। प्रतिनिधिमंडल में अपडाउनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश सेन, उपाध्यक्ष अरुण अवस्थी व ललित राय आदि शामिल थे।
भोपाल रेल मंडल के यात्रियों के लिए ये मांगें भी रखीं
- अध्यक्ष कमलेश सेन ने रेल राज्यमंत्री को बताया कि भोपाल राजधानी है, इसलिए आसपास के जिलों व कस्बों से लोग भोपाल तक आना-जाना करते हैं। इसमें फल, सब्जी, दूध बेचने वालों से लेकर रोजाना शहर में मेहनत मजदूरी का काम करने वाले लोग, पढ़ाई करने वाले शामिल हैं। साथ ही सरकारी दफ्तरों में सेवाएं देने वाले लोगों का सहारा एमएसटी ही थी, जो कि कोरोना के कारण बंद कर दी है। हाल ही में चुनिंदा ट्रेनों में यह सुविधा शुरू की गई है, जो कि पर्याप्त नहीं है। पूर्व की तरह सभी ट्रेनों में एमएसटी को चालू किया जाए। एमसटी मासिक सीजन टिकट होता है, जो रियायत दरों पर बनता है।
- उपाध्यक्ष अरुण अवस्थी ने रेल राज्यमंत्री को बताया कि हाल में रेलवे ने भोपाल-बीना समेत कुछ मेमू ट्रेनों का संचालन शुरू किया है। इससे यात्रियों को राहत मिली है। यह रेल मंडल का अच्छा प्रयास है। जिस पर रेल राज्यमंत्री ने कहा कि रेलवे आगे भी बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रयासरत है। अरुण अवस्थी ने यह भी कहा कि मेमू ट्रेनों के दायरे को भी बढ़ाया जाना चाहिए।
- एसोसिएशन के ललित राय ने रेल राज्यमंत्री के सामने राज्यरानी एक्सप्रेस समेत उन तमाम ट्रेनों को पुन: चालू करने की मांग की है जिन्हें कोरोना संक्रमण के चलते बंद कर दिया गया था।