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उपसभापति चुनाव: मोदी-शाह के दांव के आगे धरा रह गया कांग्रेस का गुणा-गणित!

राज्यसभा के उपसभापति पद के चुनाव में एनडीए के हरिवंश जीत गए हैं. उनके सामने कांग्रेस के वीके हरिप्रसाद मैदान में थे लेकिन उनकी हार है. वहीं, विपक्ष की ओर से कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद हैं. जानिए कैसे बिगड़ा कांग्रेस का गेम.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एनडीए के सहयोगी दलों को साधकर साथ में रखने के साथ-साथ विपक्ष के कई दलों का समर्थन हासिल किया. हरिवंश को एनडीए से बाहर के दलों ने भी अपना समर्थन देने की घोषणा की.

एनडीए राज्यसभा में जादुई आंकड़े से कम थी. इस चुनाव में बीजेडी के 9 सांसद किंग मेकर की भूमिका में है. राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी और जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवीन पटनायक से फो न पर बात कर एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश के लिए समर्थन मांगा.

पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने नवीन पटनायक से फोन पर बात करके समर्थन के लिए बात की तब तक विपक्ष अपना उम्मीदवार तय ही नहीं कर पाया था. इसका नतीजा हुआ कि एनडीए विपक्ष में सेंध लगाने में कामयाब हो गई.

समाजवादी पार्टी का कहना है कि अगर आम राय बनती तो बेहतर होता. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने कहा कि नीतीश कुमार ने अरविंद केजरीवाल को फोन करके एनडीए उम्मीदवार हरिवंश के समर्थन मांगा, लेकिन बीजेपी के साथ होने के चलते आम आदमी पार्टी ने समर्थन नहीं कर सकती. कांग्रेस को समर्थन चाहिए तो राहुल गांधी अरविंद केजरीवाल से बात करें. लेकिन राहुल के बात न करने की वजह से अब वोटिंग से बाहर रहने का का फैसला किया है.

बता दें कि हाल ही में सेवानिवृत्त हुए उपसभापति पी. जे. कुरियन का कार्यकाल पिछले महीने यानी जुलाई में समाप्त हो गया था. 245 सदस्यीय राज्यसभा में इस समय 244 सदस्य हैं जबकि 1 सीट खाली है. मौजूदा 244 सदस्यीय उच्च सदन में उपसभापति चुनाव को जीतने के लिए 123 मतों की जरूरत है.

एनडीए के पास 95 सांसद हैं. एआईएडीएमके, बीजेडी, टीआरएस सहित कुछ निर्दलीय और मनोनीत सांसदों को मिलाकर आंकड़ा 124 हो जाती है जो बहुमत से एक वोट ज्यादा है. वहीं विपक्ष में यूपीए के पास 61 सांसद हैं. टीएमसी, बसपा और टीडीपी जैसे दलों को मिलाकर आंकड़ा 104 हो जाता है.

सपा और आप के 16 सांसदों का रुख साफ नहीं हैं लेकिन अगर ये विपक्ष के साथ जाते हैं तो आंकड़ा 120 बनता है जो बहुमत से 3 वोट कम हैं. वहीं पीडीपी के दो सांसद मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे. ऐसे में विपक्ष का आंकड़ा 118 रह सकता है. वाईएसआर कांग्रेस के 2 और इंडियन नेशनल लोक दल ने हरिवंश को वोट दिया तो एनडीए की संख्या 125 और विपक्ष की संख्या 116 ही रह जाएगी.

डीएमके सुप्रीमो करुणानिधि के निधन के कारण डीएमके के चार सांसद भी मतदान के समय अनुपस्थित रहते हैं तो विपक्ष का आंकड़ा 112 रह जाएगा.

विपक्ष के मोदी सरकार के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव के वोटिंग के दौरान शिवसेना गैरहाजिर रहकर पीएम मोदी और अमित शाह को झटका दिया था. अविश्वास प्रस्ताव की ही बात करें तो उसमें एआईएडीएमके के समर्थन से एनडीए को 330 वोट मिले थे जबकि विपक्ष को 135 वोट मिले थे, जो विपक्ष की उम्मीद से काफ़ी कम थे.

राज्यसभा में उपसभापति के चुनाव की घोषणा के साथ ही सोमवार को पब्लिक अकाउंट समिति (PAC) के लिए राज्यसभा से सदस्यों के चुनाव में विपक्ष की रणनीति ने सरकार को चौंका दिया था. इसमें कांग्रेस के समर्थन से टीडीपी के सीएम रमेश को सबसे ज्यादा 110 वोट मिले थे. जबकि वहीं बीजेपी के सांसद भूपेन्द्र यादव को 69 वोट मिले और जेडीयू सांसद और वर्तमान में एनडीए के उपसभापति पद के उम्मीदवार हरिवंश को सिर्फ 26 वोट मिले थे और हरिवंश को हार का सामना करना पड़ा था.

सरकार की कोशिश रहेंगी कि उपसभापति चुनाव में विपक्ष में फूट खुलकर सामने आएगी. बीजेपी चाहेंगी की 2019 के चुनाव से पहले उपसभापति पद के लिए विपक्ष में एक राय न बन पाना. इसे बीजेपी एक बड़ा मुद्दा बना सकती हैं कि विपक्षी पार्टियां उपसभापति के नाम पर एक नहीं हुईं वे प्रधानमंत्री के नाम पर एक कैसे होंगी.

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