राज्यसभा में उपसभापति का चुनाव 9 अगस्त को होगा
राज्यसभा में उपसभापति के चुनाव का ऐलान कर दिया गया है. राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने आज सदन को बताया कि 9 अगस्त सुबह 11 बजे उपसभापति पद के लिए चुनाव होगा. इस तरह से मॉनसून सत्र के समाप्त होने से एक दिन पहले राज्यसभा के उपसभापति को चुना जाएगा.
बता दें कि राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन का कार्यकाल इस साल के जून के महीने में पूरा हो गया है. राज्यसभा के सभापति ने इस मॉनसून सत्र में चुनाव कराने की घोषणा की है. सत्र 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. ऐसे में उपसभापति के चुनाव के लिए 9 अगस्त का दिन तय किया गया है.
के पास बहुमत न होने के बावजूद पार्टी विपक्ष को वॉकओवर देने के मूड में नहीं है. बावजूद इसके बीजेपी राज्यसभा के इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकती है. वहीं, उसे रोकने के लिए कांग्रेस बाकि विपक्ष के साथ मिलकर संयुक्त उम्मीदवार उतारने का मन बना रही है.
बीजेपी की तरफ से खबर है कि बीजेपी उपाध्यक्ष और राज्यसभा में पार्टी के नेता प्रसन्ना आचार्य को उपसभापति के लिए मैदान में उतारा जा सकता है.
राज्यसभा में 245 सदस्य हैं. ऐसे में राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव जीतने के लिए 122 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी.
बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस समेत विपक्ष ने आम सहमति से उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस विपक्ष के किसी भी उम्मीदवार को समर्थन कर सकती है. इसके लिए संयुक्त विपक्ष नामांकन करने के लिए सोच रहा है.
राज्यसभा में उपसभापति के लिए बीजू जनता दल या फिर टीएमसी अपना उम्मीदवार उतार सकती हैं. मौजूदा समय बीजेडी के पास राज्यसभा में 9 सदस्य हैं. जबकि टीएमसी के पास 13 राज्यसभा सदस्य हैं.
बीजेडी अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. हालांकि नवीन पटनायक अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए विपक्ष का समर्थन हासिल करने की कोशिश में भी हैं.
राष्ट्रपति के चुनाव में बीजेडी ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन किया था. जबकि उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी के साथ थे. ऐसे में बीजेडी का रुख इस चुनाव में क्या होगा, इस बात को समझना मुश्किल है.
सूत्रों के मुताबिक टीएमसी सांसद सुखेन्दु शेखर रॉय के नाम पर मुहर लग सकती है. अध्यक्ष के पैनल के सदस्य के रूप में उनके पास अनुभव भी है. टीएमसी उम्मीदवार विपक्ष की ओर से आता है, तो बीजेडी उसका समर्थन कर सकती है.
बीजेडी कांग्रेस के उम्मीदवार को साथ देने को नहीं सोच रही लेकिन वह गैर कांग्रेसी उम्मीदवार को समर्थन देने के बारे में विचार कर रही है. ऐसे में टीएमसी की दावेदारी विपक्ष की ओर से और मजबूत हो सकती है.
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास राज्यसभा में 105 सांसद हैं और छह निर्दलीय हैं जबकि कई और सांसदों से उम्मीद की जा रही है कि वह गठबंधन की मदद करेंगे. वहीं कांग्रेस को दक्षिण भारत की दोनों पार्टियों से उम्मीद है. बीजेडी कांग्रेस के साथ आती है तो 122 के बहुमत के आंकड़े तक विपक्ष आसानी से पहुंच जाएगा.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी टीआरएस के 6 राज्यसभा सदस्य हैं. इसके अलावा वाईएसआरसीपी के 2 सदस्य हैं. पिछले दिनों टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और टीआरएस अध्यक्ष केसीआर की मुलाकात भी हो चुकी है. हालांकि टीआरएस ने उपसभापति के चुनाव में अपनी मंशा साफ नहीं की है.