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बंगाल की 42 सीट पर राजनीति — मोहरा सीबीआई, पुलिस

— सुप्रीम कोर्ट से सड़क तक सीबीआई की चर्चा

— नेताओं की बयानबाजी भी तेज
— मोदी सरकार बनाम ममता बनर्जी बना ममला

(श्रवण मावई )

रविवार और सोमवार का दिन इतिहास में याद रखा जाएगा। रविवार को सीबीआई के अधिकारी कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के घर पहुंच जाते है और उन्हें अंदर प्रवेश नहीं देकर पुलिस उन्हें हिरासत में ले लेती है। इस घटना के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इसके विरोध में धरने पर बैठ गई, बीजेपी ने ममता सरकार पर संविधान के विरोध में कार्य करने के आरोप लगाए। सोमवार को सदन और सुप्रीम कोर्ट में बंगाल में सीबीआई की कार्यवाई पर सुनवाई और चर्चा हुई । सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कहा कि सबूत लाओ तो आगे कार्रवाई होगी और
सदन में सरकार और विपक्ष के बीच जमकर तीर चलते रहे।

रविवार से सोमवार की शाम तक देश में बंगाल,सीबीआई, पुलिस कमिश्नर पर चर्चा की गई, इसी जनता ने भी सवाल किया कि आखिरी इतना हंगामा क्यों है जबाव है कि अब से ठीक 60 दिन बाद देश में लोकसभा चुनाव है और बंगाल में 42 सीट है। बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच वर्चास्व और जमीन बनाने की लडाई बीते सालों से चल रही है। इस लडाई में जिसका जब दांव लगता है वो वार करता है और प्रतिदंद्वी को पटकनी देने का प्रयास करता है। अब चुंकि लोकसभा चुनाव में केवल 60 दिन शेष है तो ऐसे में सत्ता हासिल करने के लिए चाले तेज कर दी गई । सीबीआई के एक कदम से बीते दो दिन में सिर्फ ममता बनर्जी, शरदा चिटफंड घोटला की चर्चा की गई, देश में इनके अलावा अभी कोई बात नहीं की जा रही है।
सत्ता सुख को प्राप्त करने के लिए बीजेपी और टीएमसी दोनों ही दल अपनी—अपनी चाले चल रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच जो इस सत्ता में रहने और पाने की राजनिति के बीच सीबीआई और पुलिस मोहरे की भुमिका में नजर आए, यह सबसे बुरा हुआ। पुलिस और सीबीआई की हाल ऐसा होगा तो फिर क्या देश में रहने वाला मतदाता किस पर भारोसा करेगा। सीबीआई बीते तीन चार माह से वैसे ही चर्चाओं में है अपने ही साथियों पर बेईमान होने का आरोप लगाते रहे, कोर्ट ने मामले में तस्वीर साफ की। अब फिर सीबीआई की भूमिका चर्चाओं में है। संवैधानिक संस्थाओं को पार्टी वार बांट दिया गया है, बीजेपी कह रही बंगाल में पुलिस टीएमसी की है और टीएमसी कह रही है कि सीबीआई केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है।

ममता बनर्जी का धरना स्थल पर देर शाम तेजस्वी यादव और एमके कनिमोझी पहुंचकर विपक्ष की एकता का सबूत दिया है, इसके अलावा भी विपक्ष के लगभग सभी दलों ने ममता बनर्जी के पक्ष में बयान दिया है। इससे साफ हो गया है कि ममता बनर्जी ने विपक्ष को एक कर दिया और मोदी सरकार पर अब एक साथ हमला करने के लिए विपक्ष के लगभग सभी दल उनके साथ आ गए है। वहीं बीजेपी और सरकार में शामिल मंत्री ममता बनर्जी और विपक्ष के अन्य दलों को चोर सबित करने में लग गई है उनके हाथ यह अच्छा अवसर लगा है जिससे वह सबित करें कि विपक्ष के वो दल जो ममता बनर्जी के साथ है वो घोटानेबाजों के तरफदार है। राजनिति में अब सब कुछ जायज है चाहे स्तर कुछ भी हो। खैर, बंगाल में कौन कितना सही सबित हुआ यह तो लोकसभा चुनाव के नतीजे ही बताएंगे, फिलहाल बंगाल के ममाले में हाईवोल्टेज ड्रामा जारी है।

अंत में… मतदाता यह सब देख रहा है, उसके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि नेताजी कभी उसके लिए( मतदाता) सदन में इतनी चर्चा हुई क्या, इन नेताओं ने इतनी उर्जा जनता के ​लिए लगाई है….!

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