सरगुजा की सात सीटें लाने के लिए भाजपा संगठन ने लगाया जोर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चौथी बार सरकार बनाने की जुगत में भिड़ी भाजपा की निगाहें सरगुजा की सात विधानसभा सीट पर है। पिछले विधानसभा चुनाव में सरगुजा की 14 से से सात सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।
इसमें से चार विधानसभा में पार्टी को 2008 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी। अब भाजपा संगठन की कोशिश है कि सरकार के कामकाज और संगठन की मुस्तैदी के दम पर सरगुजा की 14 सीटों पर जीत दर्ज की जाए। इसको देखते हुए रमन सरकार में दो मंत्री रामसेवक पैकरा और भइयालाल राजवाड़े और दो संसदीय सचिव चंपादेवी पावले और शिवशंकरा पैकरा को जिम्मेदारी दी गई है।
भाजपा के राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री सौदान सिंह ने बंद कमरे में पार्टी के आला नेताओं के साथ सात सीटों को लेकर विशेष रणनीति बनाई। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सौदान सिंह ने प्रेमनगर, भटगांव, रामानुजगंज, सामरी, लुड्रा, अंबिकापुर और सीतापुर की विशेष समीक्षा की।
अंबिकापुर और सीतापुर में कांग्रेस विधायक पिछले दो चुनाव से जीत दर्ज कर रहे हैं। चर्चा है कि सौदान सिंह ने कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के समय विधानसभा चुनाव हुआ था, तो नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव को हार का सामना करना पड़ा था।
अब वे 15 साल से सरकार के बाहर हैं। ऐसे में सिंहदेव को हराना कोई बड़ी चुनौती नहीं है। भटगांव और रामानुजगंज में 2008 के चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी। यही नहीं, भटगांव उपचुनाव में भी पार्टी को जीत मिली थी। ऐसे में यह कांग्रेस की परंपरागत सीट नहीं है। सौदान ने कहा कि बूथ स्तर पर मेहनत करने से ये चार सीट जीती जा सकती है।