राहुल का आदेश, MP,छत्तीसगढ़ और राजस्थान चुनाव में CM चेहरा नहीं
नईदिल्ली ।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आदेश दिया है कि कर्नाटक को छोड़कर जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां किसी को भी सी.एम. चेहरे के तौर पर प्रचारित न किया जाए। इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव होने हैं इसलिए राहुल पर काफी दबाव है कि भाजपा को पछाड़ने के लिए जल्द से जल्द इन राज्यों में सी.एम. चेहरे की घोषणा हो। मध्य प्रदेश में राहुल पर राज्य अध्यक्ष अरुण यादव को बदल कर उनकी जगह किसी और तेज-तर्रार नेता को लाने का दबाव है। इस कड़ी में कमलनाथ और सिंधिया के नाम प्रमुख हैं। जहां तक कमलनाथ का सवाल है तो पार्टी को लगता है कि उनका अपने विधानसभा क्षेत्र के अलावा बाहर कोई असर नहीं पड़ेगा और जहां तक सिंधिया का सवाल है तो पार्टी को लगता है कि कमलनाथ की तरह वह कुशल प्रबंधक नहीं हैं लेकिन युवा होने के नाते वह अपने दम पर युवा मतदाताओं को लुभाने का माद्दा रखते हैं।
जहां तक दिग्विजय सिंह का सवाल है तो उनका जनाधार भी व्यापक है इसलिए हाईकमान सोचने के लिए मजबूर है कि कौन-सी राह बेहतर है। क्या चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाए या नहीं। जहां तक राजस्थान का सवाल है तो वहां सचिन पायलट ने राज्य अध्यक्ष की कुर्सी हथिया अपना दबदबा दिखाया है लेकिन इसके बावजूद वहां भी पार्टी की मुश्किलें कम नहीं हैं क्योंकि वहां भी सी.एम. पद के दावेदारों की लंबी सूची है जिनमें अशोक गहलोत, सी.पी. जोशी, नमो नारायण मीणा, जितेंन्द्र सिंह और गिरजा व्यास शामिल हैं। हालांकि राजस्थान में हुए चुनावों में कांग्रेस को मिली बड़ी जीत ने पायलट के दावे को मजबूत किया है।
बावजूद इसके जातीय समीकरणों के चलते उन्हें भी सी.एम. फेस घोषित नहीं किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में हालांकि भुपेश बाघेल को राज्य अध्यक्ष व टी.एस. सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए रखा गया लेकिन राहुल ने वहां राम दयाल और शिवकुमार को कार्यकारी अध्यक्ष बना कर अपनी टीम का विस्तार किया है। कांग्रेस महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने राहुल को सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे का फार्मूला सुझाया है।