भाजपा के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी करेंगे देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह अप्रैल को भाजपा के स्थापना दिवस पर देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं को मोदी का यह संबोधन वर्चुअल होगा, जिसे पार्टी के विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म और इंटरनेट मीडिया पेज पर सीधे प्रसारित किया जाएगा।
भाजपा कार्यकर्ता देश के सभी मतदान केंद्रों पर होगा पार्टी के दर्शन, संस्कृति का संवाद सत्र
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पार्टी कार्यकर्ता देशभर के सभी मतदान केंद्रों पर पार्टी के दर्शन, संस्कृति और नीतियों पर संवाद सत्र का आयोजन करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
जनसंघ ने 1980 में भाजपा का गठन किया था, पार्टी ने 1984 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा
बताते चलें कि पूर्ववर्ती जनसंघ के नेताओं ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन किया था। 1984 में भाजपा ने पहला लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें इसे सिर्फ दो सीटें मिलीं, लेकिन बाद के चुनावों में पार्टी मजबूत बनकर उभरी है। फिलहाल लोकसभा में इसके पास स्पष्ट बहुमत है। 1980 में भारतीय जनता पार्टी बनी थी और पार्टी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बने थे।
भाजपा के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण अडवाणी से होते हुए आज पार्टी नरेंद्र मोदी की अगुवाई तक पहुंच गई है।6 अप्रैल, 1980 को बीजेपी यानी भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। यहां से जो सफर शुरू हुआ वो आज शिखर पर है। 40 साल के इतिहास में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता तो इससे पहले भी हासिल की लेकिन आज की बीजेपी इतिहास रच रही है। संघर्ष के दौर से निकल कर पार्टी आज सत्ता के शिखर पर है।
1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर भारतीय जनसंघ बनाया था
भारतीय जनता पार्टी का इतिहास जानने के लिए उस विचारधारा पर बनी पार्टियों का भी इतिहास जानना होगा, जिसकी नींव बीजेपी से पहले ही रखी जा चुकी थी। भारतीय जनता पार्टी तो 1980 में बनी, लेकिन इससे पहले ही 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर भारतीय जनसंघ बनाया था। हालांकि 1952 के लोकसभा चुनाव में जनसंघ को सिर्फ 3 सीटें मिलीं।